जयपुर/नयी दिल्ली : पठानकोट एयरबेसहमले के बाद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने निजी राय बता कर हमलावरों को सीधे संदेश दिया था कि जिन्होंने हमें तकलीफ पुहंचायी है उन्हें भी दर्द सहना होगा. पर्रिकर ने एक बार फिर जयपुर में एक सभा के दौरान आतंकवादियों को सीधे संदेश देते हुए कहा कि भारत की सहनशीलता अब खत्म हो गयी है.
हम बहुत पहले से इस तरह के हमले को सहन कर रहे हैं लेकिन हमें तकलीफ देने वालों को भी हमें तकलीफ देना होगा तभी ये बंद होगा उन्हें भी इस दर्द का अहसास होना चाहिए. पर्रिकर ने कहा, उन्हें तकलीफ होती है जब सेना का कोई जवान शहीद होता है हालांकि मुझे उनकी शहादत पर गर्व है लेकिन तकलीफ तो होती है.
इस सभा में उन्होंने पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया उन्होंने कहा कि जो संगठन, संस्था, गुट या व्यक्ति हमें तकलीफ देता है हमें सीधे तौर पर उसे ही जवाब देना होगा. इससे उसे यह अहसास होगा कि वह सिर्फ दर्द दे नहीं सकता बल्कि हम भी उसे दर्द दे सकते हैं. जो जिस भाषा में समझता है उससे उसी भाषा में बात करनी चाहिए. हालांकि रक्षा मंत्री ने इन बयानों को देते हुए बहुत सावधानी बरती और साफ तौर पर कहा कि यह विचार उनका व्यक्तिगत है. उन्होंने कहा कि हमें इसी तरह से इन आतंकियों से निपटना चाहिए.
दूसरी तरफ केंद्र सरकार पाकिस्तान की कार्रवाई पर भरोसा कर रही है. गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि हमें पाकिस्तान के द्वारा की गयी कार्रवाई पर नजर रखनी चाहिए. हमें उन पर विश्वास रखना चाहिए.
केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का यह बयान भले ही निजी तौर पर दिया गया हो लेकिन दूसरी तरफ सेना प्रमुख दलबीर सिंह सुहाग ने भी इशारा किया है कि हमें जो भी टास्क दिया जायेगा उसके लिए हम तैयार हैं. किसी भी तरह के एक्शन के अंजाम देने के लिए आर्मी पूरी तरह सक्षम है.
दूसरी तरफ रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सेना में बढ़ते जासूसी के मामलों पर भी चिंता जतायी और कहा कि हमें जवानों को इस संबंध में जानकारी देनी होगी कि व्हाट्सएप, फेसबुक, ब्लागिंग के सही ढंग से इस्तेमाल को लेकर जानकारी देगी. जासूसी के बढ़ते मामलों को लेकर रक्षा मंत्री ने कहा हमें और सर्तक रहने की जरूरत है.