केंद्र के निर्देशों को मानकर अपने पद को कमजोर कर रहे दिल्ली के उप-राज्यपाल : आयोग

नयी दिल्ली: सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच के लिए दिल्ली सरकार की ओर से गठित किए गए न्यायमूर्ति :सेवानिवृत: एस एन अग्रवाल आयोग ने उप-राज्यपाल नजीब जंग से कहा है कि जांच आयोग की वैधता के मुद्दे पर केंद्र के निर्देशों का पालन कर वह अपने पद को ‘‘कमजोर” कर रहे हैं. जंग को लिखे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2016 8:12 PM

नयी दिल्ली: सीएनजी फिटनेस घोटाले की जांच के लिए दिल्ली सरकार की ओर से गठित किए गए न्यायमूर्ति :सेवानिवृत: एस एन अग्रवाल आयोग ने उप-राज्यपाल नजीब जंग से कहा है कि जांच आयोग की वैधता के मुद्दे पर केंद्र के निर्देशों का पालन कर वह अपने पद को ‘‘कमजोर” कर रहे हैं.

जंग को लिखे गए एक पत्र में न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा कि वह एक संवैधानिक पदाधिकारी हैं और उन्हें केंद्र सरकार के नजरिए से परे जाकर स्वतंत्र रुप से काम करना है. अग्रवाल ने यह पत्र ऐसे समय में लिखा है जब जंग ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो :एसीबी: के प्रमुख एम के मीणा को यह आदेश देने से इनकार कर दिया कि वह कथित सीएनजी फिटनेस घोटाले से जुडे दस्तावेज आयोग के सामने पेश करें. जंग ने कहा था कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आयोग को ‘‘कानूनी तौर पर अमान्य और निष्प्रभावी” करार दे दिया है, ऐसे में वह इस मामले में उनकी मदद करने में ‘‘अक्षम” हैं.
न्यायमूर्ति अग्रवाल ने कहा, ‘‘जब आप (उप-राज्यपाल) यह कहते हैं कि आप भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश का पालन करने के लिए बाध्य हैं तो आप यह गलतफहमी में कहते हैं.” ऐसा कह कर दरअसल आप अपने पद को कमजोर कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘संविधान, जो परमपावन एवं आपके औे मेरे सहित सभी पदाधिकारियों पर बाध्यकारी है, के तहत आप एक संवैधानिक अधिकारी हैं जिसे भारत सरकार के इस नजरिए, कि मेरी अध्यक्षता वाला जांच आयोग अमान्य और निष्प्रभावी है, से परे जाकर स्वतंत्र रुप से काम करना है.” न्यायमूर्ति अग्रवाल ने अपने पत्र में राज्यपाल की भूमिका से जुडे उच्चतम न्यायालय के कई फैसलों का भी हवाला दिया. उन्होंने उम्मीद जताई कि उप-राज्यपाल अपने फैसले पर फिर से विचार करेंगे और उचित आदेश पारित करेंगे.

Next Article

Exit mobile version