जम्मू : नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने अपने बयान पर यू-टर्न ले लिया है. आज पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं कहा कि हम भाजपा के साथ जाकर राज्य में सरकार बनाने जा रहे हैं. मैंने मात्र इतना कहा कि पार्टी की कार्यसमिति में इस मसले पर बात होगी. अब्दुल्ला ने कहा कि यदि भाजपा और पीडीपी में सहमति नहीं बन पा रही है तो वे विधानसभा भंग करें हम चुनाव के लिए तैयार हैं. उनके पास बहुमत है. उन्हें बैठकर जनता की समस्याओं का सामाधान निकालना चाहिए.
They have the mandate, they must sit down & solve the problem of people: Farooq Abdullah (NC) on PDP-BJP alliance pic.twitter.com/ZidvNLAZo4
— ANI (@ANI) January 17, 2016
आपको बता दें कि पीडीपी-भाजपा गठबंधन के बने रहने पर छाई अनिश्चितता के बीच नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा था कि उनकी पार्टी भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए गठबंधन पर विचार करने को तैयार है.नेशनल कांफ्रेंस के संरक्षक से जब पूछा गया कि पार्टी को अगर भाजपा की तरफ से गठबंधन सरकार बनाने का प्रस्ताव मिलता है तो उनका क्या रुख होगा तो उन्होंने कहा, ‘‘अगर इस तरह का प्रस्ताव आता है तो नेशनल कांफ्रेंस कार्यकारी समिति की बैठक बुलाएगी और इस पर चर्चा करेगी. अगर इस तरह की स्थिति बनती है तो नेशनल कांफ्रेंस इस पर विचार कर सकता है क्योंकि इसने अपने दरवाजे बंद नहीं किए हैं. हमारे दरवाजे खुले हुए हैं.’
जम्मू-कश्मीर में भाजपा के साथ सरकार बनाने के वास्ते चर्चा के लिए नेशनल कान्फ्रेंस की तरफ से रजामंदी जताने के पार्टी अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला के बयान के एक दिन बाद उनके बेटे एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज यह कहते हुए भगवा पार्टी के साथ किसी तरह के तालमेल की गुंजाइश खारिज कर दी कि उनकी पार्टी ‘‘सत्ता की भूखी नहीं है’ और ‘‘विचारधारा के साथ समझौता’ नहीं करेगी.
उमर ने फेसबुक पर अपने आधिकारिक पन्ने पर कहा, ‘‘नेशनल कान्फ्रेंस सत्ता की भूखी नहीं है और ऐसी राजनीतिक सत्ता में उसकी रुचि नहीं है जो विचारधारात्मक समझौता कर के मिलती हो. हमने एक साल पहले भाजपा के साथ गठबंधन की संभावना छोड दी थी और ऐसा करने की वजह नहीं बदली है.’ उमर नेशनल कान्फ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि फारुक अब्दुल्ला एक काल्पनिक स्थिति पर आधारित एक काल्पनिक सवाल का जवाब दे रहे थे और उन्होंने कभी नहीं कहा था कि पार्टी भाजपा की हिमायत करेगी.
उमर ने कहा कि फारुक ने बस यही कहा था कि अगर भाजपा की तरफ से इस तरह का कोई आग्रह या प्रस्ताव मिलता है तो पार्टी की कार्यसमिति इसपर विचार करेगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं मिला जिसने उनकी टिप्पणी को शुद्ध रुप से इस तरह के मुद्दों से निबटने के सांगठनिक तरीकों की पुन: अभिव्यक्ति बना दिया और इससे ज्यादा कुछ नहीं है. उमर ने कहा कि पीडीपी भाजपा की सहयोगी है और उनके राजनीतिक गठबंधन में आए किसी गतिरोध से पीडीपी या भाजपा को निकालने के लिए नेशनल कान्फ्रेंस की कोई जिम्मेदारी नहीं है.
उल्लेखनीय है कि विधानसभा में पार्टी के 15 सदस्य हैं.