स्टार्ट-अप : कांग्रेस ने नेट न्यूट्रैलिटी के मुद्दे पर मोदी की ‘‘गहरी चुप्पी”” पर उठाए सवाल

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने केंद्र की ओर से स्टार्ट-अप अभियान शुरु किए जाने के एक दिन बाद आज इसकी कार्य योजना को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा कि ऐसे कारोबारों के लिए ‘‘बेहद अहम” नेट न्यूट्रेलिटी जैसे मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘‘चुप्पी बहुत गहरी है”. पार्टी ने स्टार्ट-अप अभियान के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2016 8:27 PM

नयी दिल्ली : कांग्रेस ने केंद्र की ओर से स्टार्ट-अप अभियान शुरु किए जाने के एक दिन बाद आज इसकी कार्य योजना को लेकर सरकार की आलोचना की और कहा कि ऐसे कारोबारों के लिए ‘‘बेहद अहम” नेट न्यूट्रेलिटी जैसे मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘‘चुप्पी बहुत गहरी है”. पार्टी ने स्टार्ट-अप अभियान के लिए सरकार की ओर से 10,000 करोड़ रुपये के कोष की घोषणा किए जाने पर कहा कि ऐसे धन का इस्तेमाल जोखिम भरे जेनेरिक वेंचर कैपिटल फंडों की बजाय ‘‘अहम सामाजिक क्षेत्रों” में किया जाना चाहिए.

पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कल सरकार ने स्टार्ट-अप के लिए जो भव्य आयोजन किया, उसमें प्रधानमंत्री ने नेट न्यूट्रेलिटी जैसे मुद्दे पर कोई प्रतिबद्धता जाहिर नहीं की. इस अहम मुद्दे पर उनकी चुप्पी बहुत गहरी है.” रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने देश भर के स्टार्ट-अप के साथ बैठकें की थी जिसमें उद्यमियों ने सबसे अहम नीतिगत आवश्यता जो बताई थी वह बड़े कारोबारी घरानों और स्टार्ट-अप के बीच इंटरनेट की न्यूट्रेलिटी को बरकरार रखना था.”
इस पहल की शुरुआत पर रमेश ने कहा कि इस नीति में ‘‘कई खामियां” हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस ने जिस चीज को ‘‘हमेशा मान्यता दी है”, वह मोदी का ‘‘एक और पुनअरविष्कार है.” रमेश ने कहा कि कांग्रेस को गर्व है कि उसके शासनकाल में भारत दुनिया का ‘‘तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप परितंत्र बना”. उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि वह करदाताओं के धन को कृषि, शिक्षा और किफायती स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर खर्च करे.

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