हार्दिक के खिलाफ द्रेशद्रोह के दूसरे मामले में आरोपपत्र दाखिल
अहमदाबाद: शहर की अपराध शाखा ने पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दावा किया है कि वे जानबूझ कर ऐसी गतिविधियों में शामिल हुए जिनमें देशद्रोह का आरोप लगता है और उन्होंने सरकार के खिलाफ युद्ध की साजिश रची. हार्दिक तथा उनके सहयोगी केतन पटेल, […]
अहमदाबाद: शहर की अपराध शाखा ने पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल और उनके तीन सहयोगियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल कर दावा किया है कि वे जानबूझ कर ऐसी गतिविधियों में शामिल हुए जिनमें देशद्रोह का आरोप लगता है और उन्होंने सरकार के खिलाफ युद्ध की साजिश रची. हार्दिक तथा उनके सहयोगी केतन पटेल, दिनेश बाभनिया और चिराग पटेल के खिलाफ यह आरोपपत्र करीब 2700 पृष्ठों का है तथा इसे मेट्रोपालिटन अदालत में दाखिल किया गया.
हार्दिक के दो अन्य सहयोगियों अमरीश पटेल एवं अल्पेश कथीरिया के नाम मुख्य प्राथमिकी में शामिल हैं किन्तु उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. उन्हें आरोपपत्र में ‘‘भगोडे’ के रुप में दिखाया गया है.हार्दिक और उसके सहयोगियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) (देशद्रोह), 121 (ए)( सरकार के खिलाफ युद्ध की साजिश(और 120 (बी) (आपराधिक साजिश)के आरोप लगाये गये हैं. शहर पुलिस की अपराध शाखा के सहायक आयुक्त के एन पटेल ने कहा कि इस अपराध पर सत्र अदालत में मुकदमा चल सकता है. पुलिस अधिकारी पटेल की शिकायत पर ही पिछले साल 21 अक्तूबर को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
पटेल ने बताया कि अपराध शाखा ने शनिवार शाम को आरोपपत्र का एक हिस्सा दाखिल किया था। कुछ संबंधित दस्तावेज आज दाखिल किये गये. अहमदाबाद के देशद्रोह मामले में हार्दिक के खिलाफ यह दूसरा आरोपपत्र दाखिल किया गया है. इससे पहले आठ जनवरी को सूरत पुलिस ने 22 वर्षीय हार्दिक के खिलाफ देशद्रोह के एक अन्य मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था.