Loading election data...

पाकिस्‍तान में आजाद घूम रहा है मसूद, भारत देगा डोजियर

नयी दिल्ली : अंतरराष्‍ट्रीय खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को गिरफ्तार नहीं किया गया है, और ना ही उसे नजरबंद किया गया है. जबकि उसके तीन कनिष्ठ सहयोगियों को जिस मामले में हिरासत में लिया गया है उसका पठानकोट आतंकी हमले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2016 8:32 AM

नयी दिल्ली : अंतरराष्‍ट्रीय खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश ए मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को गिरफ्तार नहीं किया गया है, और ना ही उसे नजरबंद किया गया है. जबकि उसके तीन कनिष्ठ सहयोगियों को जिस मामले में हिरासत में लिया गया है उसका पठानकोट आतंकी हमले से संबंध नहीं है. खुफिया जानकारियों के हवाले से सरकारी अधिकारियों ने बताया कि अजहर के खिलाफ पठानकोट आतंकी हमले के सिलसिले में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है तथा भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकी समूह के नेता के खिलाफ कोई कार्रवाई होते दिखी नहीं है.

जबकि पठानकोट हमले के बाद पाकिस्‍तान ने आतंकियों पर कार्रवाई की प्रतिबद्धता जतायी थी. बावजूद इसके वहां आतंकियों को संरक्षण प्राप्‍त है और उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई अभी तक नहीं की गयी है. पाकिस्‍तान को भारत की ओर से कई सबूत दिये गये लेकिन कार्रवाई सिफर रही. भारत ने मसूद अजहर पर जो डोजियर तैयार किया है, उसमें उसकी आतंकी गतिविधियों का पूरा काला चिट्ठा है.

इस डोजियर में आतंकी जकीउर रहमान लखवी, हाफिज सईद, जैश-ए-मोहम्मद के रउफ अजगर अजहर और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का नाम भी है. डोजियर में इस बात की पूरी जानकारी है कि मसूद अजहर किस तरह भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पैसा जुटाता है. जैश-ए-मोहम्मद भारत के खिलाफ दूसरे देशों से कैसे टेरर फंड जुटाता है, इसका भी पूरा जिक्र इस डोजियर में है. इसमें मसूद के साथ दाऊद, रउफ अजगर अजहर और हाफिज सईद का भी काला चिट्ठा खोला गया है.

जिन्‍हें हिरासत में लिया उनपर दूसरे आरोप

पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने जैश के तीन कनिष्ठ स्तर के पदाधिकारियों को हिरासत में लिया है किन्तु उन्हें कुछ दस्तावेजों के सिलसिले में पकडा गया है और इसका दो जनवरी को पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए हमले से कोई लेनादेना नहीं है. पठानकोट हमले में सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे जबकि छह आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया था. अधिकारियों ने कहा कि पठानकोट घटना के बाद अजहर को हिरासत में लिये जाने की शुरुआती खबरें पूरी तरह गलत थीं और संदेह है कि इन्हें कुछ पाकिस्तानी एजेंसियों ने फैलाया है.

पाकिस्तान ने अभी तक भारत को सूचित नहीं किया है कि उसने जैश या उसके किसी कार्यकर्ता के खिलाफ पठानकोट हमले को लेकर कोई आपराधिक मामला दर्ज किया है. अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान चूंकि यह घोषणा कर चुका था कि जैश ए मोहम्मद से जुडे कई लोगों को हिरासत में लिया गया, उसे इस बात का भी खुलासा करना चाहिए कि इन लोगों को किस कानून के तहत हिरासत में लिया गया है एवं क्या जांच शुरु की गयी है.

पाकिस्‍तानी सिमकार्ड पर भी कार्रवाई नहीं

भारत ने पाकिस्तान को कुछ मोबाइल नंबर दिये हैं जिनका इस्तेमाल पंजाब के संवेदनशील वायुसेना ठिकाने पर हमला करने वाले छह आतंकवादियों के आकाओं ने किया था. अधिकारियों ने बताया कि इन नंबरों के मालिकों की पहचान के बारे में कोई जानकारी नहीं है. सरकारी अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों एवं उनके पाकिस्तानी आकाओं के बीच टेप की गई बातचीत को भी साझा किया गया है. उन्होंने कहा कि वहां की सरकार को एक आपराधिक मामला दर्ज कर जांच आगे बढानी चाहिए और ये कॉल प्राप्त करने वाले लोगों को हिरासत में लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत ने विशिष्ट सुराग दिये थे जिसके तहत खास गिरफ्तारियां होनी चाहिए.

पाकिस्‍तान का एसआईटी गठन का ढोंग

अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान को और सबूत मांगने का जायज अधिकार है किन्तु पहले उन्हें उन सबूतों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो उनके साथ पहले से ही साझा कर लिये गये हैं. जहां तक पाकिस्तान के विशेष जांच दल (एसआईटी) के यहां के दौरे की बात है, अधिकारियों ने कहा कि कोई भी साक्ष्य केवल कानून के तहत एकत्र किया जा सकता है किन्तु ऐसे किसी कानून के बारे में सूचना नही है जिसके तहत वह पठानकोट वायुसेना अड्डे जाकर सबूत एकत्र करेगा.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने 13 जनवरी को एक बयान जारी कर कहा था, ‘पठानकोट घटना से कथित रुप से जुडे आतंकवादी तत्वों के खिलाफ चल रही जांच में पर्याप्त प्रगति हुई है.’ बयान में कहा गया, ‘पाकिस्तान में शुरुआती जांच के आधार पर और प्रदान की गयी सूचना पर जैश ए मोहम्मद से जुडे कई लोगों को पकडा गया है. संगठन के कार्यालयों का पता लगाकर उन्हें सील किया जा रहा है. आगे की जांच चल रही है.’ बयान में कहा गया कि सहयोगात्मक रुख की भावना के तहत प्रक्रिया को आगे बढाने के लिए यह भी तय किया गया कि अतिरिक सूचना की जरुरत पडेगी, जिसके लिए पाकिस्तान की सरकार भारत सरकार से विचार विमर्श कर एक एसआईटी को पठानकोट भेजने के बारे में विचार कर रही है.

Next Article

Exit mobile version