दलित छात्र की मौत के विरोध में साहित्यकार अशोक वाजपेयी लौटाएंगे ”डी लिट”
नयी दिल्ली : हिंदी के मशहूर साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने हैदराबाद विश्वविद्यालय को डी लिट की अपनी मानद उपाधि वापस करने का फैसला लिया है. उन्होंने यह फैसला दलित छात्र रोहित वेमूला की आत्महत्या के विरोध में लिया है. उन्होंने कहा यह विरोध जताने का एक तरीका है और सबको अपनी राय रखने का हक […]
नयी दिल्ली : हिंदी के मशहूर साहित्यकार अशोक वाजपेयी ने हैदराबाद विश्वविद्यालय को डी लिट की अपनी मानद उपाधि वापस करने का फैसला लिया है. उन्होंने यह फैसला दलित छात्र रोहित वेमूला की आत्महत्या के विरोध में लिया है. उन्होंने कहा यह विरोध जताने का एक तरीका है और सबको अपनी राय रखने का हक है. संभव है कि मेरे इस कदम से सरकार इस ओर अधिक ध्यान दे.
एक न्यूज चैनल पर जब उनसे पूछा गया कि भोपाल गैस त्रासदी के वक्त उन्होंने ऐसा विरोध क्यों नहीं जताया तो उन्होंने कहा कि उस वक्त विरोध जताने का यह अंदाज नहीं था अब विरोध जताने का एक नाटकिय तरीका है जिससे सरकार उस विषय पर ध्यान देती है और आपके विरोध को महत्व मिलता है. उस वक्त मैं सरकार का हिस्सा था इसलिए भी मैंने उस तरह से विरोध दर्ज नहीं कराया.
इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से प्रतिक्रिया आयी. पार्टी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा, इस तरह का विरोध साफ बताता है कि यह मुद्दे का विरोध नहीं है सरकार का विरोध है. जिस वक्त भोपाल गैस त्रासदी हुई अर्जुन सिंह के विरोध में कुछ नहीं किया गया. शायद उस वक्त इन लोगों को ध्यान नहीं आया. दादरी की घटना के बाद कई कवि और साहित्यकारों ने पुरस्कार वापसी कर अपना विरोध जताया था, अब दलित छात्र की आत्महत्या के बाद एक बार फिर विरोध का यह सिलसिला शुरू होता नजर आ रहा है.