दो दोषियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी

मुंबई : विशेष टाडा अदालत ने आज 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के मामले में दो दोषियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किये जिन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समयसीमा के अंदर आत्मसमर्पण नहीं किया. अभिनेता संजय दत्त के लिए उच्चतम न्यायालय ने कल की समयसीमा तय की थी और उन्होंने कल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:38 PM

मुंबई : विशेष टाडा अदालत ने आज 1993 के मुंबई बम विस्फोटों के मामले में दो दोषियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किये जिन्होंने उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित समयसीमा के अंदर आत्मसमर्पण नहीं किया.

अभिनेता संजय दत्त के लिए उच्चतम न्यायालय ने कल की समयसीमा तय की थी और उन्होंने कल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. लेकिन दो अन्य दोषियों शरीफ (दादा) पारकर और जेबुनिसा काजी ने आज टाडा अदालत के समक्ष अलग अलग आवेदन दाखिल कर चिकित्सा आधार पर आत्मसमर्पण के लिए और वक्त मांगा.

80 साल से अधिक उम्र के शरीफ की वकील फरहाना शाह ने न्यायाधीश जी ए सनप को बताया कि शरीफ को सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उनके डॉक्टरों ने उन्हें एंजियोप्लास्टी कराने की सलाह दी. जेबुनिसा काजी (75) के वकील ने कहा कि काजी को कुछ चिकित्सकीय जांच कराने की सलाह दी गयी है और उन्हें 20 मई तक का वक्त चाहिए. हालांकि टाडा न्यायाधीश ने कहा कि उनके लिए इन याचिकाओं पर विचार करना संभव नहीं होगा क्योंकि समयसीमा शीर्ष अदालत ने तय की है.

शरीफ को कल आत्मसमर्पण करना था वहीं काजी को आज अदालत के समक्ष सरेंडर के लिए आना था. अभियोजक दीपक साल्वी ने एक आवेदन दाखिल कर उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन नहीं करने के मामले में दोनों के खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी करने की मांग की. अदालत ने याचिका को मंजूर कर लिया और गैर-जमानती वारंट जारी किये. शरीफ ने टाइगर मेमन के कहने पर रायगढ़ जिले में हथियारों और आरडीएक्स उतारने के काम में भूमिका निभाई थी. 1993 के श्रृंखलाबद्ध विस्फोटों में आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था. काजी को मामले के अन्य आरोपियों को अपने घर में कुछ वक्त के लिए हथियार रखने की इजाजत देने के लिए दोषी ठहराया गया.

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