नयीदिल्ली :केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज नयी बिजली शुल्क नीति को मंजूरी दे दी. इस नीति का मकसद स्वच्छ उर्जा को प्रोत्साहन देना, वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) का बेहतर नियमन तथा निवेश में तेजी लाना है. केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज यहां हुई बैठक के बाद एक सूत्र ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने आज एक नयी बिजली शुल्क नीति को मंजूरी दे दी. इस नीति का मकसद स्वच्छ उर्जा को प्रोत्साहन, स्वच्छ भारत कार्यक्रम को समर्थन देना, बिजली वितरण कंपनियों के लिए बेहतर नियमन और बिजली क्षेत्र में तेजी से निवेश को प्रोत्साहन देना है.’ नीति में न केवल तेजी से निवेश बढाने पर ध्यान दिया गया है, बल्कि इसमें पर्यावरण को लेकर चिंता पर भी गौर किया जायेगा साथ ही इअक्षय उर्जा को प्रोत्साहन दिया गया है.
इसके अलावा यह नियामकीय व्यवस्था को भी मजबूत करेगी जिससे डिस्कॉम और अधिक दक्ष हो सकें और उपभोक्ताओं के प्रति अपने कर्तव्य को लेकर सावधानी बरतें. वर्ष 2006मेंकेंद्र सरकार ने विद्युत कानून, 2003 के प्रावधानाें के तहत राष्ट्रीय शुल्क नीति को मंजूरी दी थी. बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने हाल में संकेत दिया था कि यह नीति स्वच्छ उर्जा पर ध्यान देने वाली होगी. ‘‘अब हमारे सामने चुनौती 1.75 लाख मेगावाट अक्षय उर्जा को जोड़ने की है. हम शुल्क नीतिमें कुछ और ऐसे तत्व ला रहे हैं जिससे अक्षय उर्जा को प्रोत्साहन मिलेगा.’ नीति से स्वच्छ भारत पहल को भी प्रोत्साहन मिलेगा. नीति के तहत विद्युत संयंत्रों को निगम द्वारा शोधित बेकार जल का इस्तेमाल किया जायेगा. संयंत्र उसके 100 किलोमीटर के दायरे में उपलब्ध ऐसे पानी का इस्तेमाल कर सकेंगे.