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केजरीवाल ने कहा, मुद्दों के आधार पर बनेगी सरकार, उपराज्‍यपाल से समय मांगा

नयी दिल्ली : दिल्ली में सरकार के गठन को एक नया मोड़ देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार गठन पर फैसला करने से पहले आज भाजपा और कांग्रेस पर कुछ नयी शर्तें रखी. आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार बनाने के लिए उपराज्‍यपाल से दस दिनों का समय मांगा है. अरविंद केजरीवाल ने […]

नयी दिल्ली : दिल्ली में सरकार के गठन को एक नया मोड़ देते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार गठन पर फैसला करने से पहले आज भाजपा और कांग्रेस पर कुछ नयी शर्तें रखी. आम आदमी पार्टी (आप) ने सरकार बनाने के लिए उपराज्‍यपाल से दस दिनों का समय मांगा है. अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा अध्‍यक्ष राजनाथ सिंह को चिट्ठी लिखी है.उन्‍होंने दोनों पार्टियों से 17-18 मुद्दों पर उनकी राय मांगी है.

दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग ने कहा है कि वह राष्ट्रपति को एक रिपोर्ट भेजेंगे. यह एक संकेत है कि वह केंद्र को कहेंगे कि सरकार गठन अभी संभव नहीं है.इससे पहले, केजरीवाल ने जंग से मुलाकात कर उन्हें उन पत्रों की प्रतियां भेजी जो उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को भेजा था. इन पत्रों में आप नेता ने राष्ट्रीय राजधानी में वीआईपी संस्कृति, बिजली कंपनियों का ऑडिट और विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कोष के खात्मे समेत 18 मुद्दों पर उनकी राय मांगी है.

एक नाटकीय कदम उठाते हुए कांग्रेस ने अगली सरकार के गठन के लिए कल रात आप को अपने आठ विधायकों का बिना शर्त समर्थन देने का एलान किया था. जंग से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने सरकार गठन के लिए उप राज्यपाल से कोई समय नहीं मांगा है.

भाजपा नेता बलबीर पुंज ने कहा कि केजरीवाल कोई भाग्‍यविधाता नहीं हैं. वे जो कहेंगे उनकी बात मानने के लिए कोई मजबूरी नहीं है. उन्‍होंने कहा कि केजरीवाल नौटंकी कर रहे हैं. उन्‍होंने कहा केजरीवाल को सरकार बनानी है तो बनाएं.इधर गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि कांग्रेस अपने पुराने बयान को पुन: दुहराती है कि आम आदमी पार्टी को बिना शर्त समर्थन देने के लिए तैयार है. इसके बाद कोई भी बात नहीं किया जाएगा.

इधर सूत्रों के हवाले से खबर है कि दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल ने गृहमंत्रालय से बात की है. जिसमें सोमवार से दिल्‍ली में राष्‍ट्रपति शासन की सिफारिश करेंगे. हालांकि विधानसभा को भंग नहीं किया जाएगा.

केजरीवाल ने कहा कि वे जनता के बीच जाएंगे और उनसे चर्चा करने के बाद ही कोई फैसला ले सकते हैं. आप पार्टी की ओर से इस तरह के बयान के बाद से दिल्‍ली में सरकार गठन को लेकर चर्चा का बाचार गर्म हो गया है.

केजरीवाल ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टी बिना शर्त समर्थन देने के लिए तैयार हैं. दोनों पार्टियों की क्‍या नीयत है यह जानना जरूरी है. उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस को समर्थन के लिए हमलोगों ने नहीं बोला है. उन्‍होंने कहा कि भाजपा हमेशा से जोड़-तोड़ की राजनीति की है. उन्‍होंने कहा कि बिना शर्त कोई समर्थन नहीं होता है और इस लिए मैं जनता के बीच जाएंगा, उनसे जाकर पूछा जाएगा की दोनों पार्टियों से समर्थन लेकर सरकार गठन किया जाए.

केजरीवाल ने दावा किया कि उप राज्यपाल ने उनसे कहा है कि जब उनके पास बहुमत हो तो वह वापस आ सकते हैं. उधर, उप राज्यपाल की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, आप विधायक दल के नेता अरविन्द केजरीवाल ने उप राज्यपाल से मुलाकात की.

केजरीवाल ने कांग्रेस से मिले समर्थन पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि कि दिल्ली के अवाम की राय जानने के बाद ही वह सरकार बनाने की स्थिति में होंगे. माननीय उप राज्यपाल भारत के माननीय राष्ट्रपति को स्थितिगत रिपोर्ट भेजेंगे. चुनाव में 31 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रुप में उभरी भाजपा ने सरकार गठन करने से मना कर दिया. अब 28 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कह रही है कि वह सरकार गठन के लिए भाजपा और कांग्रेस से ना तो समर्थन लेगी और ना देगी.

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