नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने बाचा खान यूनिवर्सिटी में हुए आतंकी हमले की आज निंदा की है. उन्होंने आज मीडिया से कहा कि कोई अगर आम नागरिको को मारता है तो उसकी निंदा की जानी चाहिए जो भी कल बाचा खान यूनिवर्सिटी में हुआ वह गलत हुआ. खुदा उन्हें सद्बुद्धि दे. इस हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी घटना की निंदा करते हुए मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट की थी.
आपको बता दें कि पश्चिमोत्तर पाकिस्तान के अशांत खैबर-पख्तूनख्वाह प्रांत के चारसद्दा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने बुधवार को प्रतिष्ठित बाचा खान विश्वविद्यालय में घुस कर छात्रों और शिक्षकों पर अंधाधुंध गोलियां चलायीं और ग्रेनेड से विस्फोट किये. इसमें एक प्रोफेसर समेत कम से कम 25 लोगों की मौत हो गयी और करीब 50 अन्य लोग घायल हो गये. मुठभेड़ में विवि के चार सुरक्षाकर्मी और एक पुलिसकर्मी की मौत हो गयी. बाद में पेशावर से सेना वहां पहुंची और चार आतंकवादियों को मार गिराया.
रहमान मलिक का बेतुका बयान
पाकिस्तान के पूर्व आंतरिक मामलों के मंत्री रहमान मलिक ने इस हमले के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है. मलिक ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि हमें भारत के रक्षा मंत्री की धमकी को हल्के में नहीं लेना चाहिए. बाचा खान यूनिवर्सिटी पर हुए हमले के पीछे भारतीय एजेंसी रॉ(रॉ) का हाथ हो सकता है. अटपटा बयान देते हुए उन्होंने कहा कि वे तहरीक-ए-तालिबान के साथ मिल गए हैं और पाकिस्तान को निशाना बना रहे हैं.
क्या है मकसद
तहरीक-ए-तालिबान यानी टीटीपी का मकसद पाकिस्तान में शरीया आधारित एक कट्टरपंथी इसलामी शासन कायम करना है. इसकी स्थापना दिसंबर, 2007 में 13 आतंकी गुटों ने मिल कर की थी. जनवरी, 2013 में तहरीक-ए-तालिबान ने घोषणा की थी कि वह भारत में भी शरीया शासन चाहता है. उसने लोकतंत्र और धर्म-निरपेक्षता खत्म करने के लिए लड़ने की बात भी कही थी. इसलिए वह कश्मीर में भी अपनी सक्रियता बढ़ाना चाहता है.
प्रतिक्रिया
हमला इस बात की याद दिलाता है कि आतंकवादी किस तरह से निर्दोष लोगों का खून बहा कर क्षेत्र को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं. यह कायरता पूर्ण कार्रवाई है, जिसमें निर्दोष लोगों की जान गयी है. जिन लोगों ने निर्दोष छात्रों और नागरिकों पर हमला किया, उनका कोई धर्म नहीं है और वे मानवता के दुश्मन हैं.
महबूबा मुफ्ती, अध्यक्ष, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी
पेशावर के आर्मी स्कूल के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा हमला है. मैंने सुबह चीफ सेक्रेटरी से फोन पर बात कर जानकारी लेने की कोशिश की, उन्हें भी कुछ ज्यादा पता नहीं था. मैं खुद विश्वविद्यालय जा कर हालात का जायजा लूंगा.
इमरान खान, अध्यक्ष, पीटीआइ
इन हमलावरों द्वारा मानव जीवन के प्रति दिखायी गयी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती. यह खासतौर पर निंदनीय है कि हमलावरों ने एक शैक्षणिक संस्थान को निशाना बनाया, जहां छात्र और शिक्षक खुद को और अपने देश पाकिस्तान को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. यह ‘भयावह’ हमला सबके लिए सम्मान के आधार पर एक सुरक्षित, स्थिर और खुशहाल देश के निर्माण की इच्छाओं के पूरी तरह उलट है.
डेविड हैल, पाकिस्तान में अमेरिकी राजदूत