रोहित वेमुला खुदकुशी मामला : हैदराबाद पहुंचे केजरी, कहा मोदी के मंत्री की इंट्री के बाद पलट गया मामला
हैदराबाद : हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ यूनिवर्सिटी के छात्र इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ इसपर जमकर राजनीति की जा रही है. इसी क्रम में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब आज आम आदमी […]
हैदराबाद : हैदराबाद यूनिवर्सिटी के दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. एक तरफ यूनिवर्सिटी के छात्र इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ इसपर जमकर राजनीति की जा रही है. इसी क्रम में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बाद अब आज आम आदमी पार्टी नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हैदरबाद पहुंचेऔर वहां प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ मुलाकात की.
छात्रों से मुलाकात करने के बाद केजरीवाल ने कहा कि दलितों के साथ हम अत्याचार नहीं होने देंगे. इस मामले पर सरकार को कार्रवाई करते हुए वीसी को निकालना चाहिए. उन्होंने कहा कि एबीवीपी के जिस छात्र ने रोहित सहित पांच छात्रों पर मारपीट का आरोप लगाया है वह गलत है. उसका ऑपेडिक्स का ऑपरेशन हुआ था. उसके साथ मारपीट नहीं की गयी थी.
रोहित के पत्र का उल्लेख करते हुए केजरीवाल ने कहा कि रोहित ने वीसी को पत्र लिखा जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि वह होनहार था क्योंकि उसने मैरिट के आधार पर विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. रोहित एक होनहार छात्र था उसे सरकार को सिर आंखों पर बिठाना चाहिए था. स्मृति इरानी को उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. उन्हें शर्म आनी चाहिए. रोहित के पत्र में जहर सा रस्सी देने की बात कही गयी है. रोहित के पत्र में मार्मिकता थी वह वीसी से गुहार लगा रहा था ताकि उसका भविष्य चौपट न हो.
स्मृति ईरानी के कल के बयान को केजरीवाल ने शर्मनाक बताया है. उन्होंने कहा कि स्मृति ने मामले को दलित वर्सेज नॉन दलित बनाने की कोशिश की. वह झूठ बोल रहीं है. यह दलित की बात नहीं है. इसमें इंसाफ मिलना चाहिए. इसे कास्ट का मुद्दा नहीं बनाना चाहिए. छात्रों को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश की नजरें हैदराबाद पर है. पूरा देश आपके साथ है. भारत आगे बढ़ रहा है. लोग जातिवाद को लेकर आगे नहीं बढ़ रहा है सब आपके साथ है. मोदी सरकार सबको साथ लेकर नहीं चलना चाहती. वे सत्ता के लोभी हैं. वह हिंदुओं के भी नहीं हैं.