अल्‍प्रैक्स की ओवरडोज से हुई सुनंदा पुष्‍कर की मौत

नयी दिल्ली : एम्स मेडिकल बोर्ड सर्वसम्मति से इस नतीजे पर पहुंचा है कि सुनंदा पुष्कर की मौत ‘‘जहर के कारण’ हुयी और उनके पेट में अल्‍प्रैक्स दवा का अंश मौजूद था. बोर्ड ने सुनंदा के विसरा नमूनों पर एफबीआई रिपोर्ट पर अपनी राय दी. सुनंदा के शरीर पर एक खास निशान के मद्देनजर बोर्ड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 22, 2016 7:15 PM

नयी दिल्ली : एम्स मेडिकल बोर्ड सर्वसम्मति से इस नतीजे पर पहुंचा है कि सुनंदा पुष्कर की मौत ‘‘जहर के कारण’ हुयी और उनके पेट में अल्‍प्रैक्स दवा का अंश मौजूद था. बोर्ड ने सुनंदा के विसरा नमूनों पर एफबीआई रिपोर्ट पर अपनी राय दी. सुनंदा के शरीर पर एक खास निशान के मद्देनजर बोर्ड ने इंजेक्शन से जहर दिए जाने की आशंका से इंकार नहीं किया. बोर्ड ने कहा कि एफबीआई रिपोर्ट ने उनके शरीर में ‘‘लिडोकाइन’ मौजूद होने की पुष्टि की है. बोर्ड ने कहा कि मेडिकल बोर्ड की राय से दिल्ली पुलिस को अवगत करा दिया गया है.

रिपोर्ट में दवाओं के मिश्रण के कारण मौत से इंकार किया है और कहा गया है कि मेडिकल रिपोर्ट को ‘‘पूरी आशंका’ है कि एफबीआई रिपोर्ट के अभाव में इस मामले में ‘‘घालमेल’ का परिदृश्य बन सकता था. इसमें कहा गया है कि मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम :एसआईटी: को इस बात की ‘‘गहन जांच’ करनी चाहिए कि सुनंदा के शरीर पर सुई के निशान के मद्देनजर क्या किसी व्यक्ति की पहुंच इंजेक्शन के जरिए दिए जा सकने वाले पदार्थ तक थी.

लिखित राय में कहा गया है कि ‘‘मेडिकल बोर्ड सर्वसम्मति से इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि इस मामले में मौत का कारण जहर है.’ इसमें कहा गया है कि अल्‍प्रैक्स दवाई के बरामद किए गए खाली पत्ते और एफबीआई रिपोर्ट से पुष्टि होती है कि मौत अत्यधिक मात्रा में अल्प्राजोलम दवाई खाने के कारण हुयी. एफबीआई की रिपोर्ट के अनुसार मूत्र, भीगे कपडे, बिछावन और बिछायी जाने वाली चादर के साथ ही पेट, स्पलीन, लिवर, किडनी, रक्त के नमूनों में भी इसकी मौजूदगी थी.

इसमें आगे कहा गया है कि मेडिकल बोर्ड शरीर पर सुई के निशान यानी घाव संख्या 10 के मद्देनजर इस आशंका से इंकार नहीं करता है कि जहर सुई से दिया गया हो. केआईएमएस अस्पताल और एफबीआई रिपोर्ट में लिडोकाइन की मौजूदगी की पुष्टि से भी यह बात स्पष्ट होती है. शरीर पर कई जख्म थे, जिसमें दांत से काटे जाने के भी निशान थे जो इस मौत के पहले हाथापाई की आशंका को बल देते हैं.

दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने मेडिकल बोर्ड की राय पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया और कहा कि मामले के संबंध में जरुरी जानकारी जांच पूरी होने तथा रिपोर्ट अदालत में दाखिल किए जाने के बाद साझा की जाएगी. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह किसी अटकलों में नहीं पडना चाहते.

मीडिया में जो प्रकाशित या प्रसारित हो रहा है, वह सही या गलत हो सकता है. वह अभी निष्कर्ष के बारे में कुछ नहीं बता सकते. उन्होंने कहा कि जांच पूरी होने पर अदालत को एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी. उसके बाद मीडिया को अपने तथ्य से अवगत कराया जाएगा. उन्होंने आश्वासन दिया कि जांच जल्दी ही पूरी हो जाएगी.

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