अहमदाबाद : एक बार फिर आरक्षण के मुद्दे पर बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. लोकसभा की स्पीकर सुमित्रा महाजन ने इस बार आरक्षण को लेकर बयान दिया है. महाजन ने एक कार्यक्रम में कहा कि देश में जाति आधारित आरक्षण पर पुनर्विचार होना चाहिये. सुमित्रा महाजन ने इसके साथ ही संविधान निर्माता बाबा अबेंदकर का हवाला देते हुये बताया कि बाबा साहेब आंबेडकर की इच्छा भी यही थी. अहमदाबाद में आयोजित स्मार्ट सिटीज को लेकर एक समारोह में सुमित्रा महाजन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को संबोधित कर रहीं थी.
महाजन ने बाबा साहब के उस बात को कोट किया जिसमें उन्होने कहा था कि मात्र 10 साल के लिये आरक्षण दिया जाना चाहिये और उसके बाद उसकी समीक्षा होनी चाहिये पिछड़े लोगों को इस स्तर पर लाया जाना चाहिये. लेकिन हमने कुछ नहीं किया. यहां तक कि मैं इसका दोषी हूं हमने इस बारे में नहीं सोचा.एक अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक अहमदाबाद में महाजन ने आरक्षण कोटा पर समीक्षआ करने की बात को लेकर वियतनाम यात्रा का जिक्र करते हुये कहा कि गत 20-25 सालों में इस देश ने बहुत विकास किया है. और हम 70 सालों के बाद भी देश से जातिवाद नहीं खत्म कर पाये. कृप्या इसे राजनीतिक मुद्दा ना बनाया जाये.
प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार महाजन ने कहा कि मैं यह कह रही हूं कि हमें यह सोचना चाहिये कि आखिर हम बाबा साहेब के सपनों का समाज क्यों नहीं बना सके हैं. महाजन का यह बयान उस वक्त आया है जब बीजेपी बंगाल और कई राज्यों में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगी है. सुमित्रा महाजन के इस बयान पर विवाद बढ़ना तय माना जा रहा है. गौरतलब हो कि ऐसा ही एक बयान मोहन भागवत ने देकर बिहार विधान सभा चुनाव में बीजेपी को भारी नुकसान पहुंचा चुके हैं. बीजेपी इन दिनों रोहित बेमुला के मुद्दे पर बचने की कोशिश में लगी है. वहीं दूसरी ओर इस तरह का बयान पार्टी के लिये एक नई मुसीबत बन सकता है.