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NCERT किताबों से हटी महापुरुषों की जीवनी, CIC ने किये सवाल

नयी दिल्‍ली : केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने सुभाष चंद्र बोस, विवेकानंद जैसे महापुरुषों और क्रांतिकारियों पर अपनी किताबों से कंटेंट घटाने के लिए एनसीईआरटी की खिंचाई की है. साथ ही एनसीईआरटी से ऐसा किये जाने पर जवाब भी मांगा है. गौरतलब है कि स्वामी विवेकानंद पर 12वीं की इतिहास की किताब में कंटेंट 1250 […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 25, 2016 1:44 PM

नयी दिल्‍ली : केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने सुभाष चंद्र बोस, विवेकानंद जैसे महापुरुषों और क्रांतिकारियों पर अपनी किताबों से कंटेंट घटाने के लिए एनसीईआरटी की खिंचाई की है. साथ ही एनसीईआरटी से ऐसा किये जाने पर जवाब भी मांगा है. गौरतलब है कि स्वामी विवेकानंद पर 12वीं की इतिहास की किताब में कंटेंट 1250 शब्द से कम करके 37 शब्द कर दिया गया है और कक्षा 8वीं की किताब से इसे पूरी तरह हटा दिया गया. जयपुर के सूर्यप्रताप सिंह राजावत ने सूचना आयुक्त श्रीधर आर्चायुलू के समक्ष याचिका दायर की थी.

उन्होंने एनसीईआरटी किताबों में विख्यात शख्सियतों और क्रांतिकारियों के इतिहास को शामिल नहीं करने की आलोचना की है. सिलसिलेवार आरटीआई आवेदनों और लोक शिकायत आवेदनों में राजावत ने दावा किया है कि एनसीईआरीटी की इतिहास की किताबों में 36 राष्ट्रीय नेताओं और चंद्र शेखर आजाद, अशफाकउल्ला खान, बटुकेश्वर दत्त, राम प्रसाद बिस्मिल जैसे क्रांतिकारियों पर कंटेंट ही नहीं है. संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने आयोग का रुख किया. सूर्यप्रताप सिंह राजावत ने सुनवाई के दौरान सीआईसी से कहा है कि हमारी आजादी के योद्धाओं की कीमत पर क्रिकेट के लिए 37 पन्‍ने देना सही नहीं है.

केंद्र पूर्वोत्तर के स्वतंत्रता सेनानियों पर किताब लाएगा

मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय पूर्वोत्तर के स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान और बलिदान पर किताबें प्रकाशित करायेगा. एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी ने आरएसएस से जुडे संगठन वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा नगा नेता रानी गाइदिनल्यू की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही. रानी गाइदिनल्यू ने मणिपुर और आसपास के इलाके से ब्रिटिश शासकों को खदेडने में अहम भूमिका निभायी थी.

ईरानी ने कार्यक्रम में कहा, ‘चाहे रानी गाइदिनल्यू हों या कनकलताजी, आजादी के संघर्ष में अपनी जान की कुर्बानी देने वाले पूर्वोत्तर के सभी लोगों पर एचआरडी मंत्रालय राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के जरिए किताब लाकर सुनिश्चित करेगा कि इतिहास के पन्नों से वे अलग नहीं हों.’

इस कार्यक्रम में नगालैंड के मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग भी मौजूद थे. एचआरडी मंत्री ने कहा कि वह गाइदिनल्यू पर किताब की शुरुआत के साथ ऐसी पुस्तकों को जारी करने के लिए पूर्वोत्तर जाएंगी. उन्होंने कहा कि ये किताबें हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, गुजराती, तमिल के साथ ही कई जनजातीय और अन्य भारतीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगी.

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