नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने को मंजूरी दे दी. मालूम हाे कि दो दिन पूर्व केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राजनीतिक अस्थिरत से गुजर रहे अरुणाचल प्रदेश राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी. केंद्रीय कैबिनेट के इस फैसले को लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भेंट की थी और सूत्रों के हवाले से खबर आयी थी कि मुखर्जी ने राजनाथ से पूछा था कि आखिर वहां राष्ट्रपति शासन लगाने की जरूरत क्यों है?
16 दिसंबर को शुरू हुआ हाइवोल्टेज पॉलिटिकल ड्रामा
अरुणाचल प्रदेश में पिछले साल 16 दिसंबर को राजनीतिक संकट शुरू हुआ था, जब कांग्रेस के 21 बागी विधायक भाजपा के 11 विधायक और दो निर्दलीय विधायकों ने मिल कर एक अस्थायी स्थान पर आयोजित सत्र में विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया पर महाभियोग चलाया. स्पीकर ने इस कदम को अवैध और असंवैधानिक बताया था.
इन विधायकों ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री नबाम तुकी के खिलाफ जाते हुए एक सामुदायिक केंद्र में सत्र आयोजित किया था, इनमें वैसे 14 सदस्य भी थे जिन्हें एक दिन पहले अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
अरुणाचल के सीएम और सरकार के मंत्रियों सहित 60 सदस्यों वाली विधानसभा के 27 विधायकों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया था. बागियों ने विधानसभा उपाध्यक्ष टी नोरब के समक्ष अविश्वास्त प्रस्तावपेश किया और उसे उपाध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया और बहुमत से मौजूदा सीएम की जगह कांग्रेस के एक असंतुष्ट विधायक को सीएम चुनने का फैसला लिया. लेकिन, बाद में गोवाहाटी उच्च न्यायालय ने बागी विधायकों के फैसले पर रोक लगा दी थी.