सौर घोटाला: चांडी और उनके मंत्री पर दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने का आरोप

तिरुवनंतपुरम/ कोच्चि: केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ सरकार सौर घोटाला मामले में तब निशाने पर आ गई जब मामले में मुख्य आरोपी ने केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी आर्यदान मोहम्मद पर दो करोड रुपये से अधिक की रिश्वत स्वीकार करने का आज आरोप लगाया. इस आरोप का दोनों ने खंडन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 27, 2016 8:49 PM

तिरुवनंतपुरम/ कोच्चि: केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ सरकार सौर घोटाला मामले में तब निशाने पर आ गई जब मामले में मुख्य आरोपी ने केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी आर्यदान मोहम्मद पर दो करोड रुपये से अधिक की रिश्वत स्वीकार करने का आज आरोप लगाया. इस आरोप का दोनों ने खंडन किया है, वहीं विपक्ष ने राज्यपाल के हस्तक्षेप की मांग की है.

यह घटनाक्रम बार रिश्वतखोरी मामले में आबकारी मंत्री के पद से के बाबू के इस्तीफा देने के कुछ ही दिन बाद प्रकाश में आया है. के बाबू ने सतर्कता अदालत के उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने के बाद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफे को लेकर तूफान अभी थमा भी नहीं था तभी के बाबू का इस्तीफा आया था. इससे पहले बार मामले में वरिष्ठतम विधायक और राज्य के वित्त मंत्री के एम मणि को इस्तीफा देने के लिए बाध्य होना पडा था. अब सरिता का बयान विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले कांग्रेस सरकार की परेशानी का नया सबब बन गया है.

कोच्चि में न्यायमूर्ति शिवराजन आयोग के समक्ष उपस्थित हुई सरिता ने आज सुबह मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ साथी और बिजली मंत्री आर्यदान मोहम्मद पर निशाना साधकर राजनीतिक तूफान खडा कर दिया.उन्होंने आरोप लगाया कि केरल में विशाल सौर परियोजना स्थापित करने के लिए चांडी के प्रमुख सहायक को 1.90 करोड रुपये और आर्यदान के निजी सहायक को तकरीबन 40 लाख रुपये दिये गये हैं.

चांडी और आर्यदान दोनों ने आरोपों का खंडन किया

चांडी ने कहा कि यह सरिता का मामले से बच निकलने का प्रयास है. चांडी ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद तिरवनंतपुरम में संवाददाताओं से कहा, ‘‘उसे बताने दें कि हमें रिश्वत देने से उसे क्या फायदा मिला.’ उन्होंने कहा कि राहत कोष के लिए सरिता ने जो चेक दिया था वह भी बाउन्स हो गया था.

चांडी ने कहा, ‘‘मैंने किसी भी तरीके से मदद नहीं की. आयोग सारी सच्चाई के साथ सामने आएगा। सरिता को अपना पक्ष रखने के लिए काफी वक्त दिया गया.’ चांडी ने 25 जनवरी को तिरवनंतपुरम में 14 घंटे तक आयोग के समक्ष गवाही दी थी.

सरिता ने आरोप लगाया कि चांडी के पूर्व पीए जिक्कुमन ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में विशाल सौर परियोजनाएं लगाने के लिए सात करोड रुपये रिश्वत की मांग की थी. उन्होंने जोर दिया था कि चांडी के लिए धन दिल्ली में थॉमस कुरविल्ला को सौंपा जाए. कुरविल्ला के चांडी के अनधिकारिक सहायक होने का दावा किया गया.

सरिता ने आयोग से कहा, ‘‘मैंने चांदनी चौक में एक शॉपिंग मॉल के पार्किंग स्थल में कुरविल्ला को 1.10 करोड रुपयेसौंपे.’ सरिता ने चांडी के गवाही देने के दो दिन बाद गवाही दी है. सरिता ने कहा कि उन्होंने विज्ञान भवन में 27 दिसंबर 2012 को मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी जब वह राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में हिस्सा लेने के बाद हवाई अड्डे के लिए रवाना होने वाले थे.

आर्यदान ने कहा कि सरिता उनके पास आई थी और अपनी कंपनी के लिए कुछ रियायत मांगी थी, जो नहीं दी गयी थी

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