प्रणब मुखर्जी की आत्मकथा का विमोचन, सामने आयेंगे कई राज

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उस पुस्तक का आज उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विमोचन किया, जिसमें इंदिरा गांधी की हत्या, बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया जाना, ऑपरेशन ब्लू स्टार और राजीव गांधी कैबिनेट से उनका निकाला जाना सहित उनके राजनीतिक जीवन की अहम घटनाआें का जिक्र किया गया है. राष्ट्रपति ने ‘द टरबुलेंट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 28, 2016 6:36 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उस पुस्तक का आज उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विमोचन किया, जिसमें इंदिरा गांधी की हत्या, बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया जाना, ऑपरेशन ब्लू स्टार और राजीव गांधी कैबिनेट से उनका निकाला जाना सहित उनके राजनीतिक जीवन की अहम घटनाआें का जिक्र किया गया है. राष्ट्रपति ने ‘द टरबुलेंट ईयर : 1980…1996′ में 1980 और 1990 के दशक के उन कुछ यादगार घटनाक्रमों का जिक्र किया है, जिन्हें आजादी के बाद के भारत के इतिहास में सर्वाधिक कलह पैदा करने वाला माना जाता है. मुखर्जी ने राजीव गांधी की कैबिनेट और कांग्रेस पार्टी से खुद को निकाले जाने को एक ‘नाकामी’ जैसा माना है जिसे उन्होंने खुद पैदा किया था.

राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मैंने पुस्तक में स्पष्टरूप से स्वीकार किया है कि मुझे ऐसी परिस्थिति नहीं लानी चाहिए थी क्योंकि मैं कभी भी जन नेता नहीं था और मेरा कभी उस तरह का समर्थन आधार नहीं था जैसा कि 1960 के दशक में अजय मुखर्जी या हाल में ममता जैसे बागी नेता और एक तरह से खुद इंदिरा जी का था.’ मुखर्जी ने राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने से लेकर राष्ट्र के नेता के तौर पर पीवी नरसिम्हा राव के उभरने तक हरबड़े राजनीतिक घटनाक्रम पर नये सिरे से प्रकाश डाला है. उन्होंने कहा, ‘‘यह पाठकों को पढना है और अपने खुद के निष्कर्ष पर पहुंचना है. मैंने जानबूझ कर उन विषयों पर बात नहीं की जो अत्यधिक गोपनीय हैं…मेरा थोड़ा सा रुढिवादी रुख है. जब कभी सरकार तथ्यों को जारी कर देगी, लोग जान जाएंगे. ऐसे किसी व्यक्ति के हवाले से नहीं जो सरकारमें मौजूद था.’ राजनीतिक जीवन में प्रवेश के बाद संस्मरण का यह दूसरा हिस्सा है. इस मौके पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व कैग विनोद राय, पूर्व केंद्रीय मंत्री करन सिंह सहित अन्य लोग मौजूद थे.

Next Article

Exit mobile version