मेरी पूरी जानकारी के अनुसार रोहित दलित नहीं था : सुषमा
नयी दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मेरी पूरी जानकारी के अनुसार रोहित वेमुला दलित नहीं था. सुषमा ने कहा कि तथ्य ये है कि ये पूरी बातचीत जो की गयी या आरोप लगाये गये, वो आरोप पूरी तरह निराधार है. पिछले कुछ दिनों ने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एक दलित छात्र […]
नयी दिल्ली : विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मेरी पूरी जानकारी के अनुसार रोहित वेमुला दलित नहीं था. सुषमा ने कहा कि तथ्य ये है कि ये पूरी बातचीत जो की गयी या आरोप लगाये गये, वो आरोप पूरी तरह निराधार है. पिछले कुछ दिनों ने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एक दलित छात्र रोहित वेमुला के आत्महत्या को लेकर प्रदर्शनों को दौर देशभर में चल रहा है. एक ओर कांग्रेस भाजपा के दो मंत्री बंडारू दतात्रेय और स्मृति इरानी का इस्तीफा मांग रही है वहीं छात्र आंदोलन पर अड़े हुए हैं. आज ही राहुल गांधी ने छात्रों के समर्थन में हैदराबाद जाकर एक दिन का भूख हड़ताल भी किया.
राहुल ने कहा कि ‘श्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस से मेरा मुख्य विरोध इसको लेकर है कि वे उपर से एक विचार थोपकर भारतीय छात्रों और नौजवानों को कुचलने का प्रयास कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘आप अपने विचार के बारे में बोलिए. अपने विचार सार्वजनिक रुप से रखिए.’ आंदोलनकारी छात्रों के प्रतिएकजुटता प्रकट करते हुए राहुल ने कहा, ‘उन्हें मेरी या किसी की भी उनको ये बताने जरुरत नहीं है कि उन्हें क्या करना है. यही भावना है जिसके लिए मैं आज यहां आया हूं. मैंने आपके साथ दिन बिताया. यह मुद्दा किसी एक छात्र का नहीं है.’
उन्होंने कहा कि आज सिर्फ रोहित वेमुला की जयंती नहीं है, बल्कि गांधीजी की पुण्यतिथि भी है. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि गांधीजी ने सच की खोज और दुनिया को समझने के लिए जिंदगी जी तथा आखिरकार उनकी उन्हीं ताकतों ने हत्या की जो नहीं चाहती थीं कि वह तेज आवाज में बोलें. यही चीज रोहित के साथ की गई है. आज रोहित का जन्मदिन है और वह 27 वर्ष के हो गये होते. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘यहां बिल्कुल वही हुआ है जो गांधी के साथ किया गया है.’ इस घटना के सिर्फ किसी एक व्यक्ति या समुदाय से नहीं जुडे होने की बात पर जोर देते हुए राहुल ने कहा, ‘आप एक दिन पाएंगे कि जिन लोगों ने रोहित को कुचला है वे ही स्वतंत्रता और प्रगति के आपके रास्ते को रोकेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘इस देश के हर छात्र के लिए मेरा यह संदेश है कि रोहित के साथ जो हुआ वह उसे आप होने देंगे तो एक दिन आपके साथ यही होगा.’
राहुल ‘राजनीतिक औजार’ के रूप में छात्रों का कर रहे इस्तेमाल : भाजपा
छात्रों का इस्तेमाल ‘राजनीतिक औजार’ के रूप में करने का राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए भाजपा ने आज कहा कि वह एक दलित शोधछात्र की आत्महत्या के मुद्दे पर ‘घडियाली आंसू’ बहा रहे हैं. इसके साथ ही पार्टी ने राहुल के दिन भर के उपवास का उपहास करते हुए आरोप लगाया कि अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाडना और दूसरे के प्रदर्शनों में जबरन घुस जाना उनकी आदत है. कई केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा नेताओं ने मौत पर ‘राजनीति करने’ के लिए हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में उनके प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष को आडे हाथ लिया और आश्चर्य व्यक्त किया कि संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान इसी संस्थान के नौ दलित छात्रों ने जब आत्महत्या कर ली थी, उस समय उन्होंने कोई शोक नहीं जताया.
केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान इस परिसर में दलित छात्रों की आत्महत्या के नौ मामले सामने आए लेकिन राहुल ने कभी वहां जाने की जहमत नहीं उठायी. उन्होंने विपक्षी दलों को आत्महत्या के संबंध में गठित न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट आने तक इंतजार करने को कहा. वेंकैया ने संवाददाताओं से कहा, ‘कांग्रेस घडियाली आंसू बहा रही है ताकि राजनीतिक फायदा उठाया जा सके. कांग्रेस और वामदल इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने का प्रयास कर रहे है और उनमें विश्वविद्यालय आने की होड लग गई है, वे भूल गए हैं कि संप्रग शासनकाल में परिसर में ऐसी नौ घटनाएं घटीं. यह देश में मोदी विरोधी अभियान का हिस्सा है.’
एक अन्य केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राहुल हैदराबाद विश्वविद्यालय को राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने एक न्यायिक आयोग का गठन किया है और हैदराबाद परिसर में शांति कायम हो गयी है. ऐसे समय, राहुल गांधी वहां राजनीति कर रहे हैं. छात्रों का पक्ष लेने के क्रम में उन्हें विश्वविद्यालय को राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र नहीं बनाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘उन्हें कोई आंदोलन नहीं करना चाहिए और वहां छात्रों के भविष्य के बारे में सोचना चाहिए, यह उनसे मेरी अपील है.’ ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी 206 सांसदों से 44 सांसद तक पहुंच गयी और ‘हर मुद्दे का राजनीतिकरण’ कर रही है तथा इसमें कुछ भी नया नहीं है.