श्रीनगर :जम्मू-कश्मीर में सरकारगठन को लेकर भाजपा व पीडीपीके बीच जारी गतिरोध के बीच अब राज्यपाल ने हस्तक्षेप करते हुए दोनों दलों से कल तक यानी दो फरवरी तक अपना रुखस्पष्ट करने को कहा है. उधर, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती आजभाजपा के साथ सरकार बनाने के सवाल परअपने विधायकों का रुख जानने वाली हैं. वहीं, भाजपा नेता भी उनसे मिलने वाले हैं. कलभीसरकारगठन के सवाल पर पीडीपी की बैठक हुई थी, जिसमें कोई नतीजा नहीं निकला.अबतकदोनों दलों से संकेत नाकारात्मक ही हैं.पीडीपी बीजेपी की और बीजेपी पीडीपी की शर्तों को स्वीकार करने को तैयार नहीं है.
वहीं, आज भाजपा नेता अविनाश राय खन्ना ने कहा है कि सरकार गठन के संबंध मेंपीडीपीकी पहली पहल यह होनी चाहिए कि वह अपना नेता चुने. उन्होंने कहा कि पीडीपी अपने पत्ते खोलेगी उसके बाद ही कोई बात हो पायेगी. हालांकि आज पीडीपी प्रमुख केकिसी नतीजे पर पहुंचने की उम्मीद है. ध्यान रहे कि कल महबूबा मुफ्ती ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि जिस समय पार्टी को भरोसा हो जायेगा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद के मिशन व दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जाना निश्चित है, उसी समय पार्टी सरकार गठन का फैसला लेगी. ध्यान रहे कि सात जनवरी को मुख्यमंत्री सईद का निधन हो गया था, जिसके बाद राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हुआ और अंतत: वहां राज्यपाल शासन लगाना पड़ा.
श्रीनगर :जम्मू-कश्मीर में सरकारगठन को लेकर भाजपा व पीडीपीके बीच जारी गतिरोध के बीच अब राज्यपाल एनएन वोहरा ने हस्तक्षेप करते हुए दोनों दलों से कल तक यानी दो फरवरी तक अपना रुखस्पष्ट करने को कहा है. उधर, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती आजभाजपा के साथ सरकार बनाने के सवाल परअपने विधायकों का रुख जानने वाली हैं. वहीं, भाजपा नेता भी उनसे मिलने वाले हैं. कलभीसरकारगठन के सवाल पर पीडीपी की बैठक हुई थी, जिसमें कोई नतीजा नहीं निकला.अबतकदोनों दलों से संकेत नाकारात्मक ही हैं.पीडीपी बीजेपी की और बीजेपी पीडीपी की शर्तों को स्वीकार करने को तैयार नहीं है.
वहीं, आज भाजपा नेता अविनाश राय खन्ना ने कहा है कि सरकार गठन के संबंध मेंपीडीपीकी पहली पहल यह होनी चाहिए कि वह अपना नेता चुने. उन्होंने कहा कि पीडीपी अपने पत्ते खोलेगी उसके बाद ही कोई बात हो पायेगी. हालांकि आज पीडीपी प्रमुख केकिसी नतीजे पर पहुंचने की उम्मीद है. ध्यान रहे कि कल महबूबा मुफ्ती ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि जिस समय पार्टी को भरोसा हो जायेगा कि मुफ्ती मोहम्मद सईद के मिशन व दृष्टिकोण को आगे बढ़ाया जाना निश्चित है, उसी समय पार्टी सरकार गठन का फैसला लेगी. ध्यान रहे कि सात जनवरी को मुख्यमंत्री सईद का निधन हो गया था, जिसके बाद राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हुआ और अंतत: वहां राज्यपाल शासन लगाना पड़ा.
इससेपहले जम्मू कश्मीर में सरकार गठन पररविवारको अनिश्चितता उस वक्त बढ़ गयी थी, जब सख्त लहजे में बात करते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि राज्य में ‘प्रमुख’ राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों का हल करने के लिए केंद्र की भाजपा सरकार के ‘एक तय समयसीमा में’ ठोस कदम उठाए जा सकने की समीक्षा करने के बाद ही वह इस पर कोई फैसला करेंगी.
मुख्यमंत्री पद पर अपने दिवंगत पिता की उत्तराधिकारी मानी जा रही महबूबा ने पार्टी नेताआें के साथ चार घंटे चली एक बैठक में कहा था कि मुफ्ती सईद ने इस उम्मीद में भाजपा के साथ गठजोड़ करने का एक साहसिक पर अलोकप्रिय फैसला किया था कि केंद्र में नरेंद्र मोदी जम्मू कश्मीर और इसके लोगों से जुड़ी प्रमुख राजनीतिक एवं आर्थिक मुद्दों का हल करने के लिए निर्णायक उपाय करेंगे. हालांकि, उन्होंने इस बात की आलोचना की कि राज्य और नयी दिल्ली के कुछ हलकों ने जम्मू कश्मीर में शांति, स्थिरता और समृद्धि लाने के लिए साझेदारी करने तथा सईद की दूरदृष्टि को लागू करने की बजाय स्पष्ट या अस्पष्ट रूप से उन मुद्दों पर अक्सर विवाद को तूल दिया जिन्हें टाला जा सकता था. इससे राज्य सरकार की उर्जा नष्ट हुई.