गिरगांव तट पर ”मेक इन इंडिया” सम्मेलन पर फैसला अब कल होगा

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ‘मेक इन इंडिया सप्ताह’ कार्यक्रम के मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर आयोजन की अनुमति देने से इंकार करने संबंधी बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर कल सुनवाई करेगा. इस कार्यक्रम में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे. प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 1, 2016 2:55 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ‘मेक इन इंडिया सप्ताह’ कार्यक्रम के मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर आयोजन की अनुमति देने से इंकार करने संबंधी बंबई उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर कल सुनवाई करेगा. इस कार्यक्रम में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी भी शामिल होंगे. प्रधान न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष आज सालिसीटर जनरल रंजीत कुमार ने राज्य सरकार की याचिका का उल्लेख करते हुये इस पर शीघ्र निर्णय का अनुरोध किया. इसके बाद पीठ ने कहा कि याचिका पर कल सुनवाई की जायेगी.

सालिसीटर जनरल ने कहा, ‘‘इस तरह के आयोजन का उद्देश्य महाराष्ट्र में निवेश को आकर्षित करना है और पहले भी गिरगांव तट पर कुछ आयोजनों की अनुमति दी गयी है.” उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के साथ ही पांच या छह राष्ट्रों के अध्यक्षों के भी 13 से 18 फरवरी के दौरान होने वाले इस आयोजन में शामिल होने की उम्मीद है.” उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान का हिस्सा है. बंबई उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह राज्य सरकार को गिरगांव चौपाटी पर यह आयोजन करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था. समुद्र तट पर गतिविधियों की निगरानी के लिये 2001 में उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति ने राज्य सरकार की अर्जी पर विचार के बाद कहा था कि उसे उच्च न्यायालय से ही अनुमति लेनी होगी.

अदालत द्वारा नियुक्त इस समिति ने गिरगांव चौपाटी पर आयोजित होने वाली गतिविधियों और कार्यक्रमों के बारे में 2005 में कुछ दिशानिर्देश पेश किये थे. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को आयोजन की अनुमति देने से इंकार करते हुये कहा था कि इस तरह के आयोजन की अनुमति देना समिति के दिशानिर्देशों को ‘गलत’ करना होगा. राज्य सरकार ने अपनी अर्जी में कहा था कि गिरिगांव चौपाटी पर 14 फरवरी को ‘महाराष्ट्र नाइट’ के आयोजन का प्रस्ताव है जिसमें राज्य की कला और संस्कृति तथा औद्योगिक विकास का प्रदर्शन किया जायेगा। अर्जी में कहा गया था कि इस आयोजन का समापन लेजर शो और आतिशबाजी आदि से होगा.

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