जयपुर : केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने लिंग जांच को अनिवार्य बनाने की पैरवी की है. उन्होंने कल एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि लिंग जांच को अनिवार्य कर देना चाहिए ताकि कन्या भ्रूण वाली गर्भवती महिला का ध्यान रखा जा सके. उन्होंने ये बातें अखिल भारतीय क्षेत्रीय संपादक सम्मेलन के दौरान कही जब उनसे सोनोग्राफी सेंटर्स द्वारा गैरकानूनी तरीके से लिंगानुपात की जांच संबंधी पूछे गये प्रश्न पूछे गए.
गांधी ने कहा कि यदि ऐसा किया जा सका तो कन्या भ्रूण हत्या रोकी जा सकेगी हालांकि उन्होंने कहा कि यह उनके निजी विचार है और इस पर चर्चा की जानी चाहिए.
मेनका गांधी ने कहा, ‘‘एक बार जांच में यह तय हो जाये कि बच्चा लडका है या लडकी, उसकी निगरानी रखना आसान हो जायेगा, यह एक अलग नजरिया है. मैंने यह विचार रखें है, जिस पर चर्चा की जायेगी.’ उन्होंने कहा कि विकसित राज्यों में अविकसित राज्यों के मुकाबले सीएसआर का उच्च गिरता स्तर बडी समस्या है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गैरकानूनी रुप से अल्ट्रासाउंड करने वाले लोगों को हम हमेशा पकड नहीं सकते, ऐसे लोगों को गिरफ्तार करना इस समस्या का स्थाई हल नहीं है.