13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ करेगी सुनवाई

नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट आज समलैंगिकता पर दिये गये अपने पुराने फैसले पर सुनवाई के लिए राजी हो गयाऔर इसे सुनवाई के लिए संविधान पीठ को भेज दिया गया. अब, सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों की संविधान पीठ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 पर सुनवाई करेगी, इस धारा के तहत अप्राकृतिक यौन संबंधों […]


नयी दिल्ली :
सुप्रीम कोर्ट आज समलैंगिकता पर दिये गये अपने पुराने फैसले पर सुनवाई के लिए राजी हो गयाऔर इसे सुनवाई के लिए संविधान पीठ को भेज दिया गया. अब, सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यों की संविधान पीठ भारतीय दंड संहिता की धारा 377 पर सुनवाई करेगी, इस धारा के तहत अप्राकृतिक यौन संबंधों के तहत अपराधा माना जाता है. याचिकाकर्ताओं ने इस धारा के अस्तित्व को चुनौती दी है. सुप्रीमकोर्ट यह विचार करेगा कि समलैंगिक रिश्तों परप्रतिबंधसहीहैया नहीं.


सुप्रीम कोर्ट में आज समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखने के संबंध मुख्य न्यायाधीश तीरथ सिंह ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाईकी.यह सुनवाई खुली अदालत में हुई. पीठ आज शीर्ष अदालत द्वारा 11 दिसंबर 2013 के फैसले के खिलाफ समलैंगिक अधिकारों के लिए प्रयत्नशील कार्यकर्ताओं व एनजीओ नाज फाउंडेशन की सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हुई थी.

Undefined
समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ करेगी सुनवाई 3


क्या कहा गया था याचिका में?


याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में कहा है कि समलैंगिकता मामले की सुनवाई 27 मार्च 2012 को पूरी हो गयी थी और लगभग 21 महीने बाद फैसला सुनाया गया था. इस दौरान कानून में संशोधन सहित दूसरे बदलाव हो चुके हैं. कोर्ट के निर्णय के बाद पिछले चार सालों में हजारों लोगों ने अपनी यौन पहचान सार्वजनिक की है. याचिककर्ता ने दलील दी है कि समलैंगिक यौन संबंध को अपराध की श्रेणी में रखने से इस समुदाय के लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन होता है.

Undefined
समलैंगिकता पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ करेगी सुनवाई 4

कोर्ट ने कायम रखी थी आइपीसी की धारा 377


कोर्ट ने अपने पूर्व के फैसले में अप्राकृतिक यौन अपराधों से संबंधित आइपीसी की धारा 377 को कायम रखा था. अदालत ने जनवरी 2014 में इस निर्णय पर पुनर्विचार के लिए दायर की गयी याचिका भी खारिज कर दी थी. आज अदालत ने जिस याचिका पर सुनवाई की वह इस संबंध में अंतिम उपाय था.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें