नयी दिल्ली : मनरेगा के 10 साल पूरे होने पर आज राजनीतिक आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया जहां राजग सरकार ने कहा कि उसने संप्रग सरकार की इस अहम ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में आमूलचूल बदलाव किये और आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करने के लिए इसमें भारी धन दिया वहीं राहुल गांधी ने सरकार द्वारा इसकी प्रशंसा करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर चुटकी ली. केंद्र सरकार ने कहा कि वह ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में ‘सुधार’ लेकर आई है जो संप्रग शासन के दौरान कोष की अक्सर कमी के कारण ‘दयनीय’ हालत में थी.
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मनरेगा योजना की 10वीं वर्षगांठ पर राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप का दौर
नयी दिल्ली : मनरेगा के 10 साल पूरे होने पर आज राजनीतिक आरोप प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो गया जहां राजग सरकार ने कहा कि उसने संप्रग सरकार की इस अहम ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में आमूलचूल बदलाव किये और आर्थिक वृद्धि को गति प्रदान करने के लिए इसमें भारी धन दिया वहीं राहुल गांधी […]
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के 10 वर्ष पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि योजनाएं ‘पत्थर की लकीर’ नहीं होतीं और समय बीतने के साथ इनमें बदलाव जरुरी होते हैं. मनरेगा में राजग शासनकाल में बदलाव हुए और पहली बार इस वर्ष इस योजना के लिए बजटीय आवंटन के अलावा अतिरिक्त कोष मुहैया कराया जायेगा. इसके साथ-साथ कई नये कदम उठाए गए ताकि योजना के लाभ बेहतर ढंग से लोगों तक पहुंच सकें.
सम्मेलन में अपने संबोधन में जेटली ने कहा, ‘‘इस योजना के क्रियांवयन में सुधार लाया गया है. जब कोई सरकारी योजना कई साल तक चलती है, तो इसके प्रति एक उदासीनता का भाव पनपने लग जाता है. इस योजना के अपने सातवें या आठवें साल में प्रवेश करने पर इसे लेकर वर्ष 2013-14 से एक तरह की उदासीनता बढ़ रही थी.
इस वर्ष पहली बार होगा जब न केवल इसके लिए आवंटित 34,000..35,000 करोड़ रुपये पूरी तरह से खर्च हुए बल्कि कुछ और संसाधन मनरेगा को दिये जा सकते हैं. ” इस विषय पर भाजपा पर करारा प्रहार करते हुए जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मनमोहन सिंह नीत संप्रग सरकार द्वारा पेश इस योजना की लगातार आलोचना करने वाली पार्टी अब इसे राष्ट्र को एक तोहफा बताकर बेचने का प्रयास कर रही है.
उधर इस मुद्दे पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर पहले ही शुरू हो चुका है. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर पहले आरोप लगाया था कि वह मनरेगा को ‘कमजोर’ कर रही है. जब कल सरकार ने मनरेगा को ‘राष्ट्रीय गौरव और जश्न की वजह” बताया तो कांग्रेस ने उसपर तंज कसने में देर नहीं लगाई.
राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी सरकार की ओर से मनरेगा की तारीफ किया जाना मोदी की ‘‘राजनीतिक बुद्धिमत्ता” की ‘‘उत्कृष्ट मिसाल” है क्योंकि उन्होंने ही कहा था कि संप्रग की रोजगार गारंटी योजना ‘‘कांग्रेस की विफलता का जीता जागता स्मारक” है.
वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना के बारे में कई तरह की बातें चल रही थी लेकिन नई सरकार न सिर्फ योजना को आगे लेकर गई बल्कि उसने इसके कोष में भी वृद्धि की.” ग्रामीण विकास मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि इस योजना का इस्तेमाल करने वाले लोग पिछले 19 माह में वास्तव में लाभांवित हुए हैं और वे योजना के सही क्रियांवयन को लेकर संतुष्ट हैं.
ग्रामीण विकास राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि वर्ष 2014-15 की शुरुआत में जब संप्रग सत्ता में थी, तब मनरेगा की हालत ‘‘काफी दयनीय” थी. उन्होंने दावा किया कि योजना के लिए अधिकतम धन राजग सरकार ने दिया है.
सिंह ने कहा कि इस योजना के लिए अब नजर आने वाला आकर्षण राजग शासन में ‘‘पिछले 18 माह में किए गए सुधार” की वजह से है. यह सुधार ‘‘पिछले 10 साल में नहीं हुआ था”. उन्होंने मनरेगा का कोष आवंटन 33,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 36,997 करोड़ रुपये कर देने के मोदी सरकार के कदम की सराहना भी की.
केंद्रीय मंत्रियों की ओर से ये बयान एक ऐसे समय पर आए हैं, जब राहुल गांधी संप्रग की प्रमुख ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के 10 साल पूरे होने के अवसर पर आंध्रप्रदेश के अनंतपुर स्थित बांदलापल्ली गांव में हैं. यह योजना तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने फरवरी 2006 में इसी स्थान से शुरू की थी.
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मनरेगा को ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की विफलता का जीता-जागता उदाहरण’ बताने के बाद अब सरकार इसे ‘राष्ट्रीय गौरव और जश्न’ का कारण बताते हुए उसकी तारीफ कर रही है. यह मोदी जी की राजनीतिक बुद्धिमत्ता की उत्कृष्ट मिसाल है.” मनरेगा के मुद्दे पर यह तकरार दरअसल कांग्रेस द्वारा सरकार पर इसके प्रतीकों को ‘‘हथियाने” और इसकी योजनाओं के ‘‘नाम बदलने” के आरोपों की पृष्ठभूमि में हो रही है.
जेटली ने कहा कि शायद यह पहली बार है कि मनरेगा का वास्तविक खर्च बजट में किए गए धन के प्रावधान से कहीं ज्यादा है. संप्रग पर निशाना साधते हुए जेटली ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में शायद ऐसा कोई समय रहा हो जब योजनाओं के लिए बजट में घोषित राशि में कटौती न की गई हो.
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