कोयंबटूर : आरक्षण समाप्त किये जाने की संभावना से इंकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस पर परोक्ष हमला बोला और कहा कि देश को विघटित करने के लिए ‘सोची समझी साजिश’ के तहत दलितों के मुद्दे पर ‘झूठा अभियान’ शुरू किया गया है. मोदी ने कहा, ‘पहले उन्होंने किसानों को भडकाने का प्रयास किया. उन्हें कामयाबी नहीं मिली. अब दलितों को लेकर झूठ फैलाए जा रहे हैं. जहां कहीं भी वे जाते हैं, जब कभी वे जाते हैं, वे झूठ बोलते हैं. वे ऊंची आवाज में झूठ को दोहराते रहते हैं. दलितों को गुमराह करने और मूर्ख बनाने के लिए झूठ बोलने का एक अभियान शुरू किया गया है.’
उन्होंने कहा, ‘यह देश को विघटित करने के लिए सोची समझी साजिश है, ताकि लोग एक दूसरे से लडें. वे लोग निराश हैं क्योंकि उनसे सत्ता ले ली गयी है. वे हमेशा मानते थे कि वे (दलित) उनके मतदाता हैं और अब मोदी उनके लिए काम कर रहा है. उन्हें डर है कि मोदी का क्या किया जाए. वे दलितों को मोदी का समर्थन करने से रोकना चाहते हैं.’
मोदी ने हालांकि किसी का नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा प्रतीत हुआ कि प्रधानमंत्री का निशाना कांग्रेस और उसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर था जो दलित शोघ छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या को लेकर आंदोलन में शामिल होने के लिए हाल ही में दो बार हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय गये. मोदी एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. जनसभा का आयोजन तमिलनाडु के आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के अभियान शुरू करने के लिए था.
लेकिन मोदी ने राष्ट्रीय मुद्दों पर ही ध्यान दिया और राज्य की राजनीति का कोई जिक्र नहीं किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दलित नेता बी आर अंबेडकर की उपलब्धियों को रेखांकित करने के लिए राजग सरकार द्वारा उठाये गये कदमों को लेकर विपक्ष चिंतित है. उन्होंने मौके का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘यह झूठ भी फैलाया जा रहा है कि मोदी दलितों, ओबीसी, वंचितों से आरक्षण वापस लेने जा रहे हैं. कृपया मेरी बात को गौर से सुनिए. दलितों की प्रगति होनी चाहिए. मैं देश को आश्वस्त करता हूं कि जब तक डा बी आर अंबेडकर का नाम जीवित है, तब तक कोई भी आरक्षण नहीं हटा सकता.’
उन्होंने अंबेडकर की 125वीं जयंती के सिलसिले में अपनी सरकार द्वारा उठाये गये विभिन्न कदमों और पहलों का भी जिक्र किया. उन्होंने रेखांकित किया कि देश की प्रगति के लिए एकता, सौहार्द्र और शांति आवश्यक है. मोदी ने राज्यसभा की कार्यवाही बाधित करने को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि जब से एक ‘चाय बेचने वाला’ केंद्र की सत्ता में आया है, विपक्षी पार्टी हार और सत्ता से हटने को पचा नहीं पायी है.
कांग्रेस द्वारा राज्यसभा में जीएसटी विधेयक को रोके जाने का जाहिरा तौर पर जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘पिछले 19 महीनों में, किसी के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा है. कोई घोटाला नहीं. वे लोग चिंतित हैं ‘हम मोदी का क्या करें.’ इसलिए उन्होंने फैसला किया कि राज्यसभा को नहीं चलने देंगे. हम मोदी को रोकेंगे. वहां कई विधेयक लंबित हैं. यह कैसी राजनीति है. देश को नुकसान नहीं पहुंचाइए.’
मोदी ने कहा कि सरकार लोकसभा में काम कराने और विधेयकों को पारित कराने में सफल रही. जब वे सत्ता में आए तो सरकार ने पुराने पड गए 1800 कानूनों को समाप्त करने का फैसला किया. यह फैसला गरीबों के फायदे के लिए था. उन्होंने कहा कि लोकसभा ने 700 कानूनों को समाप्त कर दिया है लेकिन वे राज्यसभा में अटके हुए हैं. कांग्रेस जो कर रही है वह देश के गरीबों और वंचितों के खिलाफ है. मोदी ने कहा कि गरीब श्रमिकों को अधिक बोनस भुगतान के लिए लोकसभा ने एक विधेयक पारित किया लेकिन विपक्ष ने राज्यसभा में इसे पारित नहीं होने दिया.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन सरकार की प्राथमिकता दलितों, पिछडों और वंचितों के कल्याण के लिए काम करना है. हमारी ओर से, हम कोई कसर नहीं छोंडेंगे.’ मोदी ने कहा कि उनके सत्ता में आने के बाद एक दिन भी ऐसा नहीं बीता होगा जब सरकार ने गरीबों के हित में कोई अच्छी पहल नहीं की हो. उन्होंने कहा कि अंबेडकर की 125वीं जयंती मनाने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दो दिन समर्पित करने और लंदन में उनका घर हासिल किए जाने जैसे कदमों से विपक्ष परेशान हो गया है क्योंकि उनका मानना था कि दलित समुदाय उनका वोट बैंक हैं.
उन्होंने कहा कि विपक्ष दलितों के खिलाफ किसी भी अप्रिय घटना के लिए सरकार पर दोषारोपण कर रहा है. देश की आर्थिक प्रगति के बारे में, मोदी ने कहा कि सरकार ने वृद्धि को आगे बढाने के लिए कई सुधार शुरू किये हैं. उन्होंने कहा कि विश्व बैंक और आईएमएफ जैसी अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने भारत को सबसे तेजी से बढती बडी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताया है. घोटालों आदि का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘कल्पना करिए कि सिर्फ दो साल पहले कैसी स्थिति थी.’