कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बलराम जाखड़ का निधन
नयी दिल्ली :कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अौर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष बलराम जाखड़ का निधन आज यहां हो गया. वे 92 साल के थे और काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वे 1980 से 1989 तक लोकसभा के स्पीकर रहे थे. साथ ही वे मध्यप्रदेश के राज्यपाल भी रहे थे. बलराम जाखड़ पहली […]
नयी दिल्ली :कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अौर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष बलराम जाखड़ का निधन आज यहां हो गया. वे 92 साल के थे और काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. वे 1980 से 1989 तक लोकसभा के स्पीकर रहे थे. साथ ही वे मध्यप्रदेश के राज्यपाल भी रहे थे.
Former Lok Sabha speaker Balram Jakhar passes away in New Delhi.
— ANI (@ANI) February 3, 2016
बलराम जाखड़ पहली बार 1972 में पंजाब विधानसभा के लिए चुनकर आये थे. उनका जन्म पंजाब के फज्लिका में हुआ था, लेकिन उनका परिवार मूलत: राजस्थान का रहने वाला था.
1980 में सातवीं लोकसभा के लिए वे फिरोजपुर पंजाब से चुनकर आये थे. बलराम एक सर्वमान्य नेता थे और विपक्षी भी उनकी प्रशंसा करते थे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उनके निधन पर शोक जताया है.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जाखड के निधन पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने जाखड के परिवार को भेजे संदेश में कहा, ‘उन्होंने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में, खासकर किसान समुदाय के हित के लिए जो योगदान दिया है, उसे कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ पूरा देश हमेशा याद रखेगा.’ सोनिया ने कहा, ‘जाखड विधायक, सांसद, मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष या राज्यपाल, हर पद पर अपनी सेवाएं देते समय कृषि एवं किसानों संबंधी समस्याओं को सामने लाने में आगे रहे और संसद सचिवालय के आधुनिकीरण में उनकी भूमिका अग्रणी है.’
जाखड 1973 से 1977 के बीच पंजाब में निगम, सिंचाई एवं ऊर्जा उप मंत्री रहे और इसके बाद वह 1977 और 1979 के बीच विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रहे. जाखड 1980 में सातवें लोकसभा चुनावों में पहली बार सांसद चुने गये. उन्हें इसके बाद 1984, 1991 और 1998 में सांसद चुना गया. वह 1980 में लोकसभा अध्यक्ष बने और उन्होंने 1989 तक दो कार्यकालों के लिए अध्यक्ष के तौर पर अपनी सेवाएं दीं. इस दौरान उन्होंने सदन के कार्यों के स्वचालन एवं कम्प्यूटरीकरण में अहम भूमिका निभायी.
उन्होंने संसद पुस्तकालय को प्रोत्साहित करने, सदन की संदर्भ, अनुसंधान एवं दस्तावेजीकरण प्रणाली को बेहतर बनाने और सदस्यों के लिए सूचना को व्यवस्थित करने के लिए बहुत काम किया. जाखड ने भारत के विधायी निकायों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन की स्थायी समिति, कार्य मंत्रणा समिति, नियम समिति और सामान्य प्रयोजन समिति की भी अध्यक्षता की. वह 1990 में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव बने और वह 1992 से कांग्रेस कार्य समिति के सदस्य बने.