गिरगांव चौपाटी पर ”मेक इन इंडिया” कार्यक्रम के आयोजन की मिली अनुमति
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के एक आदेश पर आज रोक लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार को ‘मेक इन इंडिया वीक’ कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए मुंबई के गिरगांव चौपाटी समुद्र तट पर एक समारोह आयोजित करने की अनुमति दे दी है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. न्यायमूर्ति […]
नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने बंबई उच्च न्यायालय के एक आदेश पर आज रोक लगाते हुए महाराष्ट्र सरकार को ‘मेक इन इंडिया वीक’ कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए मुंबई के गिरगांव चौपाटी समुद्र तट पर एक समारोह आयोजित करने की अनुमति दे दी है. इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे. न्यायमूर्ति एम वाई इकबाल और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की एक पीठ ने राज्य की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की यह बात स्वीकार कर ली कि प्रस्तावित कार्यक्रम ‘भारत का गौरव’ है और प्रशासन ने तट पर कोई स्थायी ढांचा बनाने का प्रस्ताव नहीं रखा है.
रोहतगी ने उस आशंका का भी विरोध किया कि इस प्रकार का समारोह आयोजित किये जाने से दक्षिण मुंबई में यातायात बाधित होगा. उन्होंने कहा, ‘मैं राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं. क्या आपको लगता है कि राज्य यातायात के सुचारु संचालन को बाधित करेगा?’ उन्होंने कहा कि इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, 56 देशों के प्रतिनिधि मंडलों और कई प्रतिनिधियों को भाग लेना है. इसके बाद पीठ ने कहा, ‘हम नोटिस जारी करते हैं. इस बीच अपील ‘क’ (समारोह आयोजित करने की स्वीकृति मांगने) के संदर्भ में अंतरिम राहत दी जाती है.’
उच्चतम न्यायालय ने समुद्र तट पर समारोह आयोजित करने की अनुमति देने से इनकार करने के बंबई उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार की अपील पर सुनवाई करने पर एक फरवरी को सहमति जतायी थी. राज्य ने अपनी याचिका में कहा था कि 13 से 18 फरवरी के बीच आयोजित किये जाने वाले इस समारोह का मकसद महाराष्ट्र में निवेश को आकर्षित करना है और पहले भी गिरगांव तट पर कुछ समारोह आयोजित करने की अनुमति दी गयी है. उच्च न्यायालय ने राज्य को समुद्र तट पर समारोह आयोजित करने की अनुमति देने से 28 जनवरी को इनकार कर दिया था.
समुद्र तट पर गतिविधियों पर नजर रखने के मकसद से वर्ष 2001 में अदालत द्वारा नियुक्त समिति ने समारोह आयोजित करने के लिए सरकार से अदालत की अनुमति लेने को कहा था जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की थी. अदालत द्वारा नियुक्त समिति ने वर्ष 2005 में इस संबंध में दिशानिर्देश दायर किये थे कि समुद्र तट पर किन गतिविधियों और समारोहों की अनुमति दी जा सकती है. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा था कि सरकार को समुद्र तट पर इस प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देना समिति के दिशानिर्देशों के तहत ‘दोषपूर्ण’ होगा.