कांग्रेस ने गेंद को वापस आप के पाले में डाला

नयी दिल्ली: दिल्ली में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस ने गेंद को वापस आम आदमी पार्टी (आप) के पाले में डाल दिया है और कहा कि इसकी 18 में से 16 मांगें प्रशासनिक निर्णय से संबंधित हैं और दो का संसद या विधानसभा से कोई लेना-देना नहीं है. आप को दिए जवाब में कांग्रेस महासचिव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2013 10:32 PM

नयी दिल्ली: दिल्ली में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस ने गेंद को वापस आम आदमी पार्टी (आप) के पाले में डाल दिया है और कहा कि इसकी 18 में से 16 मांगें प्रशासनिक निर्णय से संबंधित हैं और दो का संसद या विधानसभा से कोई लेना-देना नहीं है.

आप को दिए जवाब में कांग्रेस महासचिव और दिल्ली के प्रभारी शकील अहमद ने कहा कि पार्टी दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और मजबूत लोकायुक्त की मांग पर समर्थन करने को तैयार है. आप ने सरकार बनाने की खातिर कांग्रेस और भाजपा का समर्थन लेने के लिए शनिवार को 18 शर्तें रखी थीं और इन पर उनके विचार मांगे थे. इस कदम को आप द्वारा जिम्मेदारी लेने से बचने की आलोचना को खत्म करने के प्रयास के रुप में देख जा रहा था.

संवाददाताओं से बात करते हुए अहमद ने कहा, ‘‘अन्य 16 मुद्दों पर किसी समझौते की जरुरत नहीं है. सभी प्रशासनिक कार्य हैं. राज्य सरकार जब बहुमत हासिल कर लेगी तो इस तरह के प्रशासनिक काम करने को सक्षम है. इन मुद्दों पर विधानसभा और संसद में आने की जरुरत नहीं है.’‘उन्होंने कहा, ‘‘केवल दो मुद्दे हैं जो दिल्ली के अधिकार क्षेत्र से बाहर के हैं. एक दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने से संबंधित है जो हमारे घोषणा पत्र में भी है और हमने उन्हें समर्थन देने को कहा है, जब भी वे इसे केंद्र के साथ उठाएंगे.’‘

अहमद ने कहा, ‘‘दूसरा लोकपाल के बारे में है. हमने कहा है कि अगर वे दिल्ली के लोकायुक्त अधिनियम में कोई बदलाव चाहते हैं जो संसद द्वारा पारित कानून के विपरीत है तो हम उनका समर्थन करेंगे.’‘ कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह को लिखे पत्र में केजरीवाल ने राष्ट्रीय राजधानी में वीआईपी संस्कृति को खत्म करने, जनलोकपाल विधेयक को पारित कराने और बिजली कम्पनियों की कैग से ऑडिट कराने से जैसे मुद्दों पर दोनों दलों के विचार मांगे थे.

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