नेता जी का खजाना चुराने वाले को नेहरू ने दिया था इनाम !

नयी दिल्ली : हाल ही मेंसार्वजनिक किए गये नेताजी सुभाष चंद्र बोससेजुड़े दस्तावेजोंसेइस बात की पुष्टि हुई है कि आजाद हिंद फौज के खजाने को लूटा गया था. नेता जी से जुड़े दस्तावेज यह बताती हैं कि खजाना लूटे जाने की बात तत्कालीन नेहरू सरकार को पता थी. लेकिन ऐसा मालूम पड़ता है कि इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 5, 2016 12:44 PM

नयी दिल्ली : हाल ही मेंसार्वजनिक किए गये नेताजी सुभाष चंद्र बोससेजुड़े दस्तावेजोंसेइस बात की पुष्टि हुई है कि आजाद हिंद फौज के खजाने को लूटा गया था. नेता जी से जुड़े दस्तावेज यह बताती हैं कि खजाना लूटे जाने की बात तत्कालीन नेहरू सरकार को पता थी. लेकिन ऐसा मालूम पड़ता है कि इस मामले को दूसरी तरह से डील किया. साल 1951 से 1955 के बीच टोक्यो और नयी दिल्ली के बीच इस बारे में पत्राचार भी हुआ था.

नेशनल आर्काइव की गोपनीय फाइलों के जरिए पता चलता है कि सरकारी अधिकारियों को नेता जी सुभाष चंद्र बोस के दो पूर्व सहयोगियों पर शक था. उनमें से एक सहयोगी को सम्मान दिया गया और नेहरू की पंचवर्षीय योजना कार्यक्रम का पब्लिसिटी अडवाइजर बनाया गया. टॉप सीक्रेट फाइल्स के मुताबिक, खजाने सेसात लाख डॉलर की लूट हुई थी. आजाद हिंद फौज के खजाने के गबन के बारे में सबसे पहले जिक्र रिसर्चर अनुज धर ने अपनी किताब इंडियाज बिगेस्ट कवरअप में किया था.

गौरतलब है कि नेशनल आर्काइव की गोपनीय रिकॉर्ड्स के मुताबिक, नेताजी करीब 80 किलो सोने की ज्वैलरी लेकर सफर कर रहे थे. 1945 में इनकी कीमत करीबएक करोड़ रुपये थी. प्लेन क्रैश में नेताजी का सामान बुरी तरह जल गया. उसका कुछ ही हिस्सा बचा था. जिसे जापान भेज दिया गया. 1952 में इसे जापान से नयी दिल्ली लाया गया. इसमें उस वक्त केवल 11 किलो ज्वैलरी का हिस्सा मिला था.

Next Article

Exit mobile version