मुंबई : महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर आज फैसला के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में दोनों पक्षों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसपर फैसला करने का अधिकार दिया है. अब इस मामले पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री को ही करना है. दोनों की पक्ष इस बात पर तैयार हैं कि मुख्यमंत्री जो भी फैसला करेंगे उनको मंजूर होगा. अहमदनगर के कलेक्टर ने इस संदर्भ में सभी पक्षों की एक बैठक बुलायी थी. इस बैठक में मंदिर ट्रस्ट और रणरागिनी भूमाता ब्रिगेड की प्रमुख तृप्ती देसाई शामिल हुई. बैठक की समाप्ति के बाद तृप्ति ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है और वे लोग मुख्यमंत्री के फैसले का सम्मान करेंगे.
गौरतलब है कि शनि शिंगणापुर मंदिर में शनि देव के चबूतरे पर महिलाओं के पूजा करने की परंपरा नहीं है. 450 साल के इस परंपरा के विरोध में कुछ महिलाओं ने पूजा करने की इजाजत मांगी थी. इसी पर फैसला करने के लिए आज बैठक का आयोजन किया गया था.
रणरागिनी भूमाता ब्रिगेड ने इस परंपरा को तोड़ने की कोशिश की थी. इसके बाद से विवाद शुरू हो गया था. महिला संगठनों ने मांग शुरू कर दिया था कि महिलाओं को भी शनि चबूतरा पर जाने और मंदिर में पूजा करने की इजाजत मिलनी चाहिए. महाराष्ट्र के सीएम देवेन्द्र फडनवीस ने कहा था कि मंदिर प्रशासन से बातचीत कर इस विवाद को सुलझा लिया जायेगा.उधर शंकराचार्य ने भी धर्मसंसद की बैठक बुलायी है. स्वरूपानंद सरस्वती का दावा है कि इसमें 1300 प्रतिनिधी शामिल होंगे.