स्मृति ईरानी ने बुलाई राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक
नयी दिल्ली : शिक्षक एवं शिक्षण की गुणवत्ता एवं शिक्षण शिक्षा के विभिन्न आयामों पर विचार करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आठ फरवरी को राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है. सरकार का मानना है कि इस क्षेत्र में अब तक के प्रयासों का अपेक्षित परिणाम […]
नयी दिल्ली : शिक्षक एवं शिक्षण की गुणवत्ता एवं शिक्षण शिक्षा के विभिन्न आयामों पर विचार करने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आठ फरवरी को राज्यों के शिक्षा मंत्रियों एवं वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई है. सरकार का मानना है कि इस क्षेत्र में अब तक के प्रयासों का अपेक्षित परिणाम नहीं मिल सकता है और काफी कुछ किया जाना है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने इस विषय पर राज्यों के शिक्षा मंत्रियों को पत्र लिखा है. केंद्रीय मंत्री ने पत्र में कहा, ‘‘ केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड :केब: की पिछली बैठक में शिक्षक शिक्षा और इसकी गुणवत्ता को बेहतर बनाने, स्कूलों में शिक्षा के साथ उच्च शिक्षा प्रणाली के बारे में अलग से चर्चा करने का निर्णय किया गया था. इसी आलोक में आठ फरवरी को बैठक बुलाई जा रही है.”
स्मृति ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों ने अच्छे, कुशल शिक्षकों विशेष तौर पर गणित, विज्ञान और भाषा संबंधी, की कमी, सेवा पूर्व शिक्षक शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने, शिक्षण एवं पढाई लिखाई को पेशेवर तरीके से आगे बढाने की दिशा में कई प्रयास किये हैं. ‘‘ हालांकि इन प्रयासों के अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आए हैं और इस दिशा में काफी कुछ किया जाना शेष है.” उन्होंने लिखा, ‘‘ शिक्षक और शिक्षण की गुणवत्ता को बेहतर बनाना हमारी तात्कालिक प्राथमिकता का विषय है.” मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा, ‘‘ हम सभी इस बात से सहमत होंगे कि शिक्षक भविष्य की पीढियों के भविष्य को आकार प्रदान करने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं और ज्ञान का संचार करने में उत्प्रेरक का काम करते हैं.”
स्मृति ने पत्र में लिखा, ‘‘ शैक्षणिक संस्थाओं के विस्तार और छात्रों के दाखिले में वृद्धि के बावजूद शिक्षकों की गुणवत्ता चिंता का विषय है. ” मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि विभिन्न स्तरों पर शिक्षकों की कमी को भरने के लिए कदम उठाये गए हैं. लेकिन शिक्षकों की भर्ती करने के साथ इस बात पर भी ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि युवाओं को शिक्षण पेशे में बनाये और जोडे रखा जाए। इसके अलावा उत्कृष्ठ शिक्षकों की पहचान करने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए मानदंड भी बनाएं जाएं. संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में स्मृति ईरानी ने बताया था कि देश में शिक्षकों के मंजूर पदों की संख्या 19.48 लाख थी जिसमें से 15.59 लाख पद ही भरे गए.