भारत- पाकिस्तान के रिश्तों में स्पीड ब्रेकर बन सकता है हेडली का बयान

नयी दिल्ली : डेविड हेडली के बयान के बाद अब भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में कौन सा मोड़ आयेगा ? फिलहाल यह कहना मुश्किल है लेकिन दोनों देशों के संबंधों पर बारीक नजर रखने वाले जानकारों की मानें, तो पाकिस्तान एक बार फिर अपने ही बनाये जाल में फंस रहा है. मुंबई हमले में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2016 1:40 PM

नयी दिल्ली : डेविड हेडली के बयान के बाद अब भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में कौन सा मोड़ आयेगा ? फिलहाल यह कहना मुश्किल है लेकिन दोनों देशों के संबंधों पर बारीक नजर रखने वाले जानकारों की मानें, तो पाकिस्तान एक बार फिर अपने ही बनाये जाल में फंस रहा है. मुंबई हमले में हाफिज सईद की गिरफ्तारी के बाद उसकी आजादी ने भारत को बेहद नाराज किया लेकिन पाकिस्तान यह भरोसा दिलाता रहा कि मुंबई हमले के गुनाहगारों को नहीं बख्शा जायेगा. अब हेडली के बयान ने पाक के झूठ की कलई खोल दी है. ऐसे में पाकिस्तान अगर भारत से बेहतर रिश्ते चाहता है तो उसे पठानकोट और मुंबई के गुनाहगारों को सजा दिलानी होगी.

विदेश सचिव स्तर की वार्ता पर पड़ेगा कितना असर
पठानकोट हमले के बाद विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द हो गयी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, दोनों देशों ने आपसी सहमति से फैसला लिया है और बातचीत फिलहाल टाल दी गयी है. साफ था कि इस बातचीत पर पठानकोट में हुए आतंकी हमले का साया था. भारत आतंक के इस माहौल में बातचीत के लिए तैयार नहीं था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कुछ दिनों पहले बयान दिया कि भारत पाकिस्तान के साथ संपर्क में है और विदेश सचिव स्तर की बातचीत पर दोनों देश जल्द ही कोई फैसला ले सकते हैं. अब हेडली के बयान से एक बार फिर दोनों देशों की बातचीत पर सीधा असर पड़ेगा. पाकिस्तान की तरफ से हेडली के बयान पर प्रतिक्रिया आ रही है, दूसरी तरफ भारत हेडली के बयान के दम पर पाकिस्तान से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है. साफ है कि हेडली के बयान ने एक बार फिर दोनों देशों के रिश्तों को बेपटरी कर दिया है वहीं एक तरफ पाकिस्तान दोषियों पर कार्रवाई के लिए ठोस सबूत मांग रहा है. भारत सबूत देकर पाकिस्तान से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है.
पाकिस्तान अलाप रहा है पुराना राग
पठानकोट में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने भी जैश ए मोहम्मद के चीफ अजहर मसूद की गिरफ्तारी से यह दिखाने की कोशिश जरूर की कि पाकिस्तान पठानकोट हमले को लेकर कड़ी कार्रवाई कर रहा है लेकिन पाकिस्तानी जांच एजेंसियों ने अब उन सभी को क्लीन चिट देते हुए साफ कर दिया है कि इसमें जैश ए मोहम्मद का कोई हाथ नहीं. पाकिस्तान के कार्रवाई के इस अंदाज से भारत अच्छी तरह वाकिफ है. मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को भी पाकिस्तान ने इसी तरह गिरफ्तार करके क्लीन चिट दे दिया था. अब डेविड हेडली के बयान के बाद पाकिस्तान एक बार फिर कार्रवाई को मजबूर होगा.
एक दूसरे की मदद के लिए बढ़ रहे थे हाथ
जम्मू कश्मीर में आयी भयावह बाढ़ के वक्त भारतीय सुरक्षा बलों ने हालात से निपटने की हर संभव कोशिश की बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकलाने या भोजन पहुंचाने के लिए सेना ने जिस तरह से काम किया उसकी खूब तारीफ हुई. इसी वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाते हुए कहा कि अगर पीओके में पाकिस्तान को भारत की मदद चाहिए तो हम वहां फंसे लोगों को बाहर निकालने में उनकी मदद कर सकते हैं. हालांकि पाकिस्तान ने मदद लेने से इनकार कर दिया लेकिन दोनों के रिश्ते जरूर पटरी पर आने लगे. यमन में फंसे भारतीयों को बाहर निकालने के लिए भारत ने जब कोशिश शुरू की तो उसमें कई देश के लोगों को भी मदद मिली. पाकिस्तान के कुछ लोगों को भी भारत ने बाहर निकाला वहीं पाकिस्तान ने भी सात भारतीयों को यमन से बाहर निकाला और उन्हें दिल्ली रवाना कर दिया. हाल में सियाचिन में फंसे भारतीय सैनिकों की मदद के लिए भी पाकिस्तान ने हाथ आगे बढ़ाये. एक तरफ एक दूसरे की तरफ मदद के लिए बढ़ते हाथ तो दूसरी तरफ खुफिया रणनीति के तहत आतंकवाद की चोट पाकिस्तान के असली चेहरे को बेनकाब करती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोशिश बेकार
भारत और पाकिस्तान दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने संबंध सुधारने के लिए शुरू से ही कई प्रयास किये. प्रधानमंत्री मोदी ने शपथग्रहण समारोह में नवाज को न्यौता दिया तो नवाज शरीफ ने भी पाक में तमाम विरोधों के बाद समारोह में शामिल होकर दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने की पहल की. प्रधानमंत्री मोदी अचानकर अपने विदेश दौरे के दौरान पाकिस्तान उतर गये नवाज ने भी खुले दिल से मोदी का स्वागत किया इन दोनों की कोशिशों से लगा कि दोनों देशों के बीच संबंध काफी बेहतर होने लगे हैं लेकिन पाकिस्तान पोषित आतंकवाद और आईएसआई की रणनीतियों ने नवाज की कोशिश पर पानी फेर दिया. पठानकोट और मुंबई हमले में पाकिस्तान का वही पुराना रवैया दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ने नहीं दे रहा.

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