गुरु की फांसी को तीन साल : कश्मीर में सुरक्षा के कडे इंतजाम
श्रीनगर : संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी को आज तीन साल पूरे होने पर अलगाववादियों द्वारा आहूत हडताल के मद्देनजर अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा के कडे प्रबंध किए हैं. एक पुलिस अधिकारी ने यहां कहा, ‘‘ कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याएं पैदा होने की आशंका के मद्देनजर एहतियात के तौर […]
श्रीनगर : संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी को आज तीन साल पूरे होने पर अलगाववादियों द्वारा आहूत हडताल के मद्देनजर अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा के कडे प्रबंध किए हैं. एक पुलिस अधिकारी ने यहां कहा, ‘‘ कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याएं पैदा होने की आशंका के मद्देनजर एहतियात के तौर पर पुराने शहर के पांच पुलिस थाना इलाकों में प्रतिबंध लागू किए गए हैं.” उन्होंने बताया कि शहर के खानयार, महाराजगंज, रैनावाडी, सफाकदल और नौहट्टा इलाकों में प्रतिबंध लगाए गए है जबकि मैसुमा और करालखुद पुलिस थानों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं.
अफजल गुरु की फांसी के विरोध में अलगाववादी समूहों द्वारा आहूत आम हडताल के कारण आज सामान्य जीवन प्रभावित हुआ। अफजल गुरु को संसद हमला मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद 2013 में फांसी दी गई थी. उसके शव को दिल्ली की तिहाड जेल में दफनाया गया था. सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारुक जैसे शीर्ष अलगाववादी नेता शहर से बाहर हैं और कई अन्य को कल हिरासत में लिया गया या नजरबंद किया गया. इस बीच सीआरपीएफ ने हडताल के आह्वान के मद्देनजर कश्मीर में अपनी सभी इकाइयों को हाई अर्ल्ट पर रखा है.
सीआरपीएफ के प्रवक्ता ने यहां एक बयान में बताया कि हुर्रियत के सभी धडों और सभी अलगाववादियों द्वारा नौ, 10 और 11 फरवरी को आहूत हडताल और विरोध के मद्देनजर सीआरपीएफ के अधिष्ठानों और इकाइयों को हाई अर्ल्ट पर रखा गया है. प्रवक्ता ने बताया कि पुराने शहर के इलाकों में शुक्रवार और रविवार के दिनों में पथराव की घटनाओं के मद्देनजर शहर में तैनात सीआरपीएफ बलों को नजदीक से नजर रखने और पुलिस के साथ सक्रिय समन्वय बनाए रखने को कहा गया है ताकि अलगाववादियों के किसी भी प्रकार के दुष्प्रचार या भडकावे की कार्रवाई से निपटा जा सके.
श्रीनगर में सीआरपीएफ के पुलिस उप महानिरीक्षक :ऑपरेशंस: संजीव धूंडिया ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों एवं जवानों से सतर्क एवं चौकस रहने और जवानों को घायल होने से बचाने के लिए पर्याप्त उपाय करने के लिए कहा.