मुंबई : भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड वर्मा ने एफ-16 विमानों की पाकिस्तान को विवादास्पद बिक्री को पुरानी घोषणा का हिस्सा बताया. उसने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि इस्लामाबाद वहां सुरक्षित आतंकी पनाहगाहों को समाप्त करने के लिए काफी कुछ करेगा.
वर्मा ने यहां चल रहे ‘मेक इन इंडिया वीक’ के दौरान सीएनएन एशिया बिजनेस फोरम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बातचीत के दौरान कहा, ‘‘यह पुरानी घोषणा का हिस्सा है जिसे कुछ वर्ष पहले किया गया था. कांग्रेस की मंजूरी जैसी कुछ तकनीकी प्रक्रियाएं हैं.” उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान में हमारी नीति नरमपंथी तत्वों का समर्थन करने, लोकतंत्र का समर्थन करने की है.”
उन्होंने कहा, ‘‘यह बड़ा आतंकवाद निरोधी उग्रवादी घटक भी है. इन वर्षों में पाकिस्तान को असैन्य और सैन्य उपकरणों के जरिये हमारी मिश्रित सहायता रही है.” वर्मा का बयान ऐसे समय में आया है जब ओबामा प्रशासन ने अमेरिकी कांग्रेस को आठ एफ-16 लडाकू विमानों को बेचने के अपने फैसले को अधिसूचित किया. जोरदार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने पाकिस्तान को एफ-16 विमान बेचने के ओबामा प्रशासन के फैसले पर नाखुशी और निराशा जाहिर करने के लिए कल वर्मा को तलब किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘यह लोगों को आश्चर्यचकित करेगा कि हमारी दो तिहाई सहायता पाकिस्तान को असैन्य सहायता है—उर्जा, शिक्षा, आधारभूत संरचना और सार्वजनिक विकास के लिए है.” राजदूत ने कहा, ‘‘पाकिस्तान से खतरनाक समूहों का संचालन हो रहा है और सैन्य उपकरणों की भी सहायता है. इसी के हिस्से के तौर पर यह बिक्री हो रही है ताकि उस तरह के आतंकवाद और उग्रवादी क्षमता से निपटा जा सके.”