नयी दिल्ली : जेएनयू विवाद को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने आज राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने उन ‘गद्दारों’ का समर्थन किया है जिन्होंने भारत विरोधी नारे लगाए हैं. उन्होंने सोनिया गांधी से सवाल किया कि वह कांग्रेस का रुख इसको लेकर स्पष्ट करें कि क्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब देश के विभाजन का समर्थन करना है.
शाह ने यह भी पूछा कि क्या कांग्रेस का मतलब संसद हमले के दोषी अफजल गुरु का समर्थन करने से है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस शहीदों के परिवारों की भावनाओं को लेकर संवेदनशील है तो सोनिया और राहुल को माफी मांगनी चाहिए.
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भारत के खिलाफ और गुरु जैसे आतंकवादियों के समर्थन में नारेबाजी करना गद्दारी के बराबर है. उन्होंने मीडिया से कहा कि भाजपा देश के किसी भी हिस्से में इस तरह की घटना नहीं होने देगी.
शाह ने कहा, ‘‘अगर राहुल गांधी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर समर्थन करना चाहते हैं तो मैं कांग्रेस से पूछूंगा कि जो नारे लगाए गए थे क्या देशद्रोह का इससे बडा कोई साक्ष्य हो सकता है.” उन्होंने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस से सवाल करना चाहता हूं कि क्या वह अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से दिए गए बयान का समर्थन करती है? उसे जवाब देना चाहिए.” कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला की ओर से संसद हमले के दोषी को ‘अफजल गुरु जी’ कहे जाने पर कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस के प्रवक्ता अब भी इन राष्ट्र विरोधी तत्वों का समर्थन कर रहे हैं.
इससे पहले ब्लॉग में शाह ने आरोप लगाया कि राहुल ने यह ‘‘साबित” कर दिया है कि राष्ट्रीय हित उनके दिमाग में कहीं नहीं है और सवाल किया कि क्या कांग्रेस उपाध्यक्ष ने अलगाववादी ताकतों से हाथ मिला लिया है और वह भारत का एक और बंटवारा चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वामपंथी प्रगतिशील विचारधारा के नाम पर ‘राष्ट्र-द्रोहियों’ का समर्थन स्वीकार्य नहीं है.