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नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक, कई अहम फैसलों पर लगी मुहर

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज अरुणाचल प्रदेश से राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश की. इससे एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने राज्यपाल को राज्य में नई सरकार को शपथ दिलाने से रोकने से इंकार कर दिया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2016 5:16 PM

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज अरुणाचल प्रदेश से राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश की. इससे एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने राज्यपाल को राज्य में नई सरकार को शपथ दिलाने से रोकने से इंकार कर दिया था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश की गई. राज्य में 26 जनवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. सोमवार को कांग्रेस के असंतुष्ट कोलिखो पुल के नेतृत्व में 31 विधायकों ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया था. उनके साथ कांग्रेस के 19 बागी विधायक और भाजपा के 11 विधायक तथा दो निर्दलीय सदस्य शामिल थे.

डब्ल्यूटीओ के व्यापार सुगमता समझौते को मंजूरी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज विश्व व्यापार संगठन के व्यापार सुगमता समझौते को मंजूरी दे दी जिसका लक्ष्य है सीमाशुल्क प्रक्रियाओं को आसान बनाना ताकि देशों के बीच वाणिज्य बढ़ सके. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमने डब्ल्यूटीओ में टीएफए के तहत की गयी प्रतिबद्धता पर अधिसूचना के लिए प्रस्ताव को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि टीएफए पर एक राष्ट्रीय समिति का गठन किया जाएगा और व्यापार सुगमता के प्रावधानों का संयोजन और कार्यान्वयन किया जायेगा. समिति के सह-अध्यक्ष राजस्व सचिव और वाणिज्य सचिव होंगे. टीएफए से कारोबार करने में आसानी होगी. इस समझौते पर विश्व व्यापार संगठन की 2013 में बाली में बहुपक्षीय बैठक में सहमति हुई थी. यह तब लागू होगा जब डब्ल्यूटीओ के दो-तिहाई सदस्य अपने देश में इसका अनुमोदन कर लेंगे. टीएफए में वस्तु गतिविधि बढ़ाने, इन्हें जारी करने और आगे बढ़ने की मंजूरी प्रदान करना शामिल है जिनमें भेजी जाने वाली वस्तुएं भी शामिल हैं. इसमें सीमाशुल्क और व्यापार सुगमता तथा सीमा शुल्क अनुपालन मुद्दों से जुडे प्राधिकारों के बीच प्रभावी संयोजन के लिए भी प्रावधान किया जायेगा.

भारतीय खिलाडियों को बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बैठक करने वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुवाहाटी और शिलांग की सहमेजबानी में हुए दक्षिण एशियाई खेलों में रिकार्ड पदक जीतने के लिए आज भारतीय दल को बधाई दी. बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी देते हुए दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने खिलाडियों को बधाई दी और कहा कि खेलों में सभी दक्षेश देशों ने हिस्सा लिया जिसका भारत ने सफल आयोजन किया. बारहवें दक्षिण एशियाई खेलों का समापन कल यहां भव्य समापन समारोह के साथ हुआ. खेल मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस प्रतियोगिता की सराहना अब तक के सर्वश्रेष्ठ दक्षिण एशियाई खेलों के रूप में की गयी. खेलों में लगभग 4500 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया जिसमें 22 खेलों में लगभग 2600 खिलाड़ी शामिल थे. इस 12 दिवसीय प्रतियोगिता में सभी आठ देशों ने हिस्सा लिया. भारत ने खेलों में दांव पर लगे 789 पदकों में से कुल 308 पदक जीते जो कुल पदक का लगभग 40 प्रतिशत है.

एथलेटिक्स में 12 नये रिकार्ड बने जिसमें से 10 भारत के नाम रहे. तैराकी में 28 में से 19 नये रिकार्ड भारतीय तैराकों ने बनाये. विज्ञप्ति में कहा गया कि आयोजन समिति के अध्यक्ष और केंद्रीय खेल मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों, सार्वजनिक उपक्रमों, असम और मेघालय की राज्य सरकारों के अलावा अन्य अहम पक्षों को एक साथ लाकर अब तक के सर्वश्रेष्ठ सैग खेलों के आयोजन में अहम भूमिका निभायी. शानदार प्रदर्शन को देखते हुए भारत सरकार पहली बार भारतीय पदक विजेताओं को नकद पुरस्कार देने पर विचार कर रही है. स्वर्ण पदक विजेताओं को तीन लाख, रजत पदक विजेताओं को दो लाख और कांस्य पदक विजेताओं को एक लाख रुपये दिए जा सकते हैं. अगले सैग खेल नेपाल के काठमांडो में होंगे.

दूरसंचार आयोग के अंशकालिक सदस्य होंगे नीति आयोग के सीईओ

सरकार ने आज नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को दूरसंचार आयोग का अंशकालिक सदस्य मनोनीत करने को मंजूरी दे दी. पूर्ववर्ती योजना आयोग के सचिव के स्थान पर यह नियुक्ति की गयी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में नीति आयोग के सीईओ को दूरसंचार आयोग में अंशकालिक सदस्य के रूप में मनोनयन को मंजूरी दी गयी. यह मनोनयन योजना आयोग के सचिव के स्थान पर किया गया है. अब योजना आयोग का स्थान नीति आयोग ले चुका है.

एक प्रेस वक्तव्य के अनुसार दूरसंचार आयोग की बैठक में नीति आयोग के सीईओ की भागीदारी से आयोग के विचार विमर्श का स्तर बढ सकेगा, क्योंकि आयोग सरकार के लिए ‘विचार समूह’ के रुप मंे काम करता है. केंद्र सरकार ने एक प्रस्ताव के जरिये 11 अप्रैल, 1989 को दूरसंचार आयोग का गठन किया था. दूरसंचार क्षेत्र के सभी पहलुओं के तेज विकास को प्रोत्साहन के लिए इसे प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार दिये गये थे. योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग बनने से पहले दूरसंचार आयोग में एक चेयरमैन, चार पूर्णकालिक सदस्य और चार अस्थायी सदस्य होते थे। इनमें योजना आयोग का सचिव भी शामिल था.

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