अन्ना ने 18 दिसंबर को तोड़ा अपनी जिंदगी का 18वां अनशन…
रालेगण सिद्धी : अन्ना हजारे ने अपनी जिंदगी का 18वां अनशन आज 18 दिसंबर को तोड़ा. सार्वजनिक जीवन से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को लेकर अन्ना काफी लंबे समय से संघर्ष करते आए हैं और इसी क्रम में उन्होंने अब तक 18 अनशन किए. हालांकि, अब भी यह नहीं कहा जा सकता कि यह उनकी जिंदगी […]
रालेगण सिद्धी : अन्ना हजारे ने अपनी जिंदगी का 18वां अनशन आज 18 दिसंबर को तोड़ा. सार्वजनिक जीवन से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को लेकर अन्ना काफी लंबे समय से संघर्ष करते आए हैं और इसी क्रम में उन्होंने अब तक 18 अनशन किए. हालांकि, अब भी यह नहीं कहा जा सकता कि यह उनकी जिंदगी का आखिरी अनशन था.
भारतीय थलसेना के जवान के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके अन्ना ने पहला अनशन जून 1980 में किया था. एक स्थानीय स्कूल के लिए शिक्षा विभाग से मान्यता हासिल करने के लिए अन्ना ने यह अनशन किया था. अहमदनगर में किया गया अन्ना का पहला अनशन एक दिन का था.
अन्ना ने दूसरा अनशन जून 1982 में अपने गांव रालेगण सिद्धी में दो दिनों तक किया. ग्रामीण विकास के काम में सरकारी अधिकारियों द्वारा सहयोग न किए जाने के विरोध में अन्ना ने यह अनशन किया था. उन्होंने तीसरा अनशन भी अपने गांव में ही किया जो पांच दिनों का था. किसानों की समस्या को लेकर उन्होंने तीसरा अनशन फरवरी 1989 में किया था.
नवंबर 1989 में उन्होंने अपने गांव में चौथा अनशन किया जो नौ दिनों तक चला. कृषि एवं बिजली आपूर्ति के मुद्दे पर यह अनशन किया गया था. महाराष्ट्र वन विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना ने अपना पांचवां अनशन पुणो जिले के अलंडी में किया जो छह दिनों का था. महाराष्ट्र की शिवसेना-भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के विरोध में अन्ना ने 12 दिनों तक चला अपना छठा अनशन अपने गांव में किया था.
अन्ना ने 10 दिनों तक चला अपना सातवां अनशन रालेगण सिद्धी में मई 1997 में किया. महाराष्ट्र की तत्कालीन शिवसेना-भाजपा सरकार के मंत्रियों के भ्रष्टाचार के विरोध में उन्होंने यह अनशन किया था. उन्होंने इसी मुद्दे पर अपना आठवां अनशन अगस्त 1999 में किया जो 10 दिनों का था.नौ दिनों का अपना नौवां अनशन अन्ना ने अगस्त 2003 में मुंबई में किया.
सूचना का अधिकार कानून की मांग के लिए उन्होंने यह अनशन किया. सूचना का अधिकार कानून के प्रभावी क्रियान्वयन, ग्राम पंचायतों को अधिक अधिकार देने और सरकारी अधिकारियों के तबादले पर कानून की मांग करते हुए अन्ना ने अपना 10वां अनशन फरवरी 2004 में किया.
करीब 11 दिनों तक चला अन्ना का 11वां अनशन अलंडी में अगस्त 2006 में हुआ. सूचना का अधिकार कानून को कमजोर बनाने की कोशिश से केंद्र को दूर रहने की चेतावनी देने के लिए उन्होंने यह अनशन किया था.
अन्ना ने दिसंबर 2005 से जनवरी 2006 के बीच भी 10 दिनों का अनशन किया था. न्यायमूर्ति सावंत आयोग द्वारा दोषी करार दिए गए महाराष्ट्र सरकार के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर यह अनशन किया गया था. अक्तूबर 2009 में उन्होंने अपने गांव में नौ दिनों का अनशन किया और महाराष्ट्र की कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सरकार के भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.
मार्च 2010 में भी उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ पांच दिनों का अनशन किया. अन्ना का 15वां, 16वां, 17वां और 18वां अनशन लोकपाल विधेयक की खातिर था. पांच दिनों का 15वां अनशन दिल्ली में अप्रैल 2011 में किया गया था जबकि 13 दिनों तक चला 16वां अनशन दिल्ली में अगस्त 2011 में किया गया.
दिसंबर 2011 में मुंबई में अन्ना ने 17वां अनशन दो दिनों तक किया. उनका 18वां अनशन रालेगण सिद्धी में नौ दिनों तक चला और उसे उन्होंने आज तोड़ा. अन्ना के एक सहयोगी ने बताया कि 76 साल के समाजसेवी ने अपनी जिंदगी में अब तक कुल 137 दिन अनशन किया है. उन्होंने अब तक 13 अनशन महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ जबकि पांच केंद्र सरकार के खिलाफ किए हैं.