नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने अरुणाचल प्रदेश में सरकार गठन का रास्ता आज वस्तुत: साफ कर दिया जब उसने यथास्थिति बरकरार रखने के अपने आदेश को रद्द कर दिया. न्यायालय ने यह आदेश गौहाटी उच्च न्यायालय के आदेश से संतुष्ट रहने के बाद दिया जिसमें कांग्रेस के 14 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के आदेश पर रोक लगा दी गई थी.
न्यायमूर्ति जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कांग्रेस के 14 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी रिकॉर्ड का अध्ययन करने के बाद कहा कि प्रथम दृष्टया वह उच्च न्यायालय के आदेश से संतुष्ट है. पीठ में न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर, न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति एन वी रमण भी शामिल हैं.
पीठ ने कहा, ‘‘प्रथम दृष्टया उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने को हम उन्मुख नहीं हैं और हम इससे संतुष्ट हैं. गौहाटी उच्च न्यायालय के महापंजीयक द्वारा हमारे समक्ष पेश किए गए सात जनवरी के आदेश को देखने के बाद हमें लगता है कि उसमें इस मौके पर हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है. उसी अनुसार अंतरिम आदेश को रद्द किया जाता है.’
पीठ ने 14 विधायकों को अयोग्य ठहराने के मामले को उच्च न्यायालय की एकल पीठ से दो सदस्यीय पीठ के पास भेज दिया और उससे दो सप्ताह के भीतर इसपर फैसला करने को कहा. पीठ ने हालांकि यह साफ कर दिया कि इस विषय पर आगे कोई भी कार्रवाई न्यायालय के समक्ष लंबित मामले के नतीजे पर निर्भर करेगी.