नेपाल के तेवर में नरमी, ओली ने कहा भारत से गलतफहमियां दूर करने आया हूं
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने नेपाली समकक्ष केपी शर्मा ओली के साथ व्यापक बातचीत की, जिसमें व्यापार और नेपाल के राजनीतिक हालात सहित परस्पर हित के कई मुद्दे शामिल थे. ओली छह दिन के राजकीय दौरे पर कल यहां पहुंचे हैं. इससे पहले ओली ने आज सुबह राजघाट जाकर राष्ट्रपिता बापू […]
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपने नेपाली समकक्ष केपी शर्मा ओली के साथ व्यापक बातचीत की, जिसमें व्यापार और नेपाल के राजनीतिक हालात सहित परस्पर हित के कई मुद्दे शामिल थे. ओली छह दिन के राजकीय दौरे पर कल यहां पहुंचे हैं. इससे पहले ओली ने आज सुबह राजघाट जाकर राष्ट्रपिता बापू की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की. दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के दोनों दोनों पक्ष ने संयुक्त वक्तव्य दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह स्पष्ट है कि नेपाल की स्थिरता भारत की सुरक्षा से जुड़ी हुई है. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल नेपालको बड़े भूकंप का सामना करना पड़ा. उन्होंने कहा कि इस पीड़ा को सिर्फ नेपाल ने ही नहीं भारत ने भी महसूस किया.
पिछले साल नेपाल का प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर ओली ने कहा कि उनके भारत दौरे का कारण बहुत स्पष्ट है.इसकामूल उद्देश्य है कि पिछले कुछ महीनों में हम दो देशों में गलतफहमियां उत्पन्न हुई हैं, उसे दूर करना है. उन्होंने कहा कि आज भारत एक आर्थिक पॉवर हाउस के रूप में उभर रहा है.
पिछले साल अक्तूबर में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा के तहत भारत पहुंचे ओली के साथ 77 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल आया है. यात्रा के तहत नेपाल के नये संविधान से जुडे मुद्दों से प्रभावित हुए दोनों देशों के संबंधों को सुधारने पर मुख्य ध्यान दिया जा रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने दोनों नेताओं की तस्वीर डालते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘‘भविष्य की तरफ तेज कदम बढाते हुए. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का हैदराबाद हाउस में स्वागत किया.’ मोदी और ओली ने बातचीत के दौरान द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं का जायजा लिया.
इससे पहले नेपाली प्रधानमंत्री का राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किया गया जहां मोदी भी मौजूद थे. प्रधानमंत्री स्तर की बातचीत से पहले सुषमा ओली से मिलीं. इस दौरान ओली ने उनसे कहा कि नेपाल भारत का एक ‘भरोसेमंद’ दोस्त है और हमेशा बना रहेगा.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि ओली ने सुषमा से कहा कि वह ‘‘संबंधों में आगे बढना चाहते हैं जो मानवनिर्मित नहीं हैं बल्कि पूरी तरह से प्रकृतिनिर्मित एवं सभ्यतागत हैं.’ सुषमा ने कहा कि ओली की इस यात्रा से दोनों देशों के बीच विश्वास गहरा होगा.
सूत्रों ने कहा कि सुषमा और ओली ने नेपाल में भूकंप के बाद जारी पुनर्निर्माण कार्यों पर भी चर्चा की. नेपाल में पिछले साल अप्रैल में भीषण भूकंप आया था जिससे जानमाल की व्यापक क्षति हुई थी.
सूत्रों ने कहा, ‘‘उन्होंने राजनीतिक मुद्दों, पुनर्निर्माण सहयोग, दक्षेस उपग्रह और द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की. ओली ने कहा कि वह संबंधों में आगे बढ़ना चाहते हैं जो मानवनिर्मित नहीं हैं बल्कि पूरी तरह से प्रकृति निर्मित और सभ्यतागत हैं.’ ऐसी संभावना है कि भारत नेपाल से मधेसी समुदाय की चिंताओं पर ध्यान देते हुए संविधान को ज्यादा समावेशी बनाने का ‘अपूर्ण काम’ पूरा करने के लिए कहेगा.
मधेसी समुदाय के भारतीयों के साथ करीबी पारिवारिक और सांस्कृतिक संबंध हैं.
नेपाल के संविधान के विरोधमें मधेसियों के आंदोलन की वजह से दोनों देशों के संबंध प्रभावित हुए थे. मधेसियों का कहना है कि संविधान उनके प्रतिनिधित्व और उनके गृह क्षेत्र से जुड़ी उनकी चिंताओं पर ध्यान देने में नाकाम रहा है.
आंदोलनकारियों ने भारत से लगे नेपाल के व्यापार बिंदुओं की करीब चार महीने तक नाकेबंदी की जिससे भारत से पड़ोसी देश में पेट्रोलियम उत्पादों, दवाओं एवं दूसरी वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई. इस महीने नाकेबंदी खत्म कर दी गयी.
ओली के साथ उनकी पत्नी राधिका शाक्य, उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री कमल थापा, वित्त मंत्री विष्णु पौडयाल, उर्जा मंत्री तोप बहादुर रायमजी और गृह मंत्री शक्ति बसनेट सहित अन्य आए हैं.
नेपाली प्रधानमंत्री राष्ट्रपति भवन में ठहरेंगे.
ध्यान रहे कि परसों ही भारत आने से ठीक एक दिन पहले नेपाल की सरकार ने भारतीय मूल के मधेशियों को अधिक नागरिक अधिकार देने के मद्देनजर संविधान में पुनर्संशोधन की अनुशंसा कर दी थी.