रामा नागा ने आरोप से किया इंकार, कहा- बाहरी लोग लगा रहे थे देशविरोधी नारे
नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय का एक आरोपी रामा नागा अपने अन्य दोस्तों के साथ जेएनू कैंपस में कल देर रात लौट आया है. उसने आज कहा कि पुलिस यहां आ सकती है, हम हर प्रकार से पुलिस की सहायता करने के लिए तैयार हैं. नागा ने कहा कि उनलोगों ने देशविरोधी नारे नहीं […]
नयी दिल्ली : जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय का एक आरोपी रामा नागा अपने अन्य दोस्तों के साथ जेएनू कैंपस में कल देर रात लौट आया है. उसने आज कहा कि पुलिस यहां आ सकती है, हम हर प्रकार से पुलिस की सहायता करने के लिए तैयार हैं. नागा ने कहा कि उनलोगों ने देशविरोधी नारे नहीं लगाये. बाहर से आये कुछ लोग देश विरोधी नारे लगा रहे थे. हमलोगों ने उन्हें जाने को कहा और इसकी शिकायत भी दर्ज करायी. नागा ने यह भी कहा कि हमारे बारे में विश्वविद्यालय जो भी फैसला लेगा हमें वह मंजूर है. वहीं जेएनयू प्रशासन ने इस मामले में बैइक बुलायी है. बैठक में निर्णय किया जायेगा कि छात्रों के साथ क्या करना है.
मालूम हो कि 9 फरवरी को जेएनयू कैंपस में अफजल गुरु की बरसी पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. आरोप है कि इस समारोह के दौरान छात्रों के एक दल ने देश विरोधी नारे लगाये. गौरतलब है कि उमर खालिद समेत जेएनयू के पांच छात्र रविवार को परिसर में दिखाई पड़े. उन छात्रों ने कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया बल्कि ‘डॉक्टर्ड वीडियो’ का इस्तेमाल कर उन्हें फंसाया गया. ये पांच छात्र हैं उमर खालिद, अनिर्बन भट्टाचार्य, रामा नागा, आशुतोष कुमार और अनंत प्रकाश जो राजद्रोह के मामले में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की 12 फरवरी को गिरफ्तारी के बाद से लापता हो गये थे.
आशुतोष के अनुसार, ‘वे जांच में मदद के मद्देनजर वापस आए हैं. छात्रों और दुनियाभर से हमें जो अपार समर्थन मिला है उसने हमें ताकत दी है. मैं, रामा, अनिर्बन और अनंत आस-पास ही थे लेकिन भीड के पीट-पीटकर मारने पर उतारु होने के माहौल की वजह से हम सामने नहीं आए.’ हालांकि, उन्होंने कहा कि वे चारों उमर खालिद के संपर्क में नहीं थे और उससे उनकी कार्यक्रम के दिन नौ फरवरी को बातचीत हुई थी. आशुतोष ने कहा कि छात्र दिल्ली में ही थे और रविवार की शाम को लौटने का फैसला व्यक्तिगत तौर पर किया गया, न कि सामूहिक तौर पर.
उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ भी गलत नहीं किया, बल्कि डॉक्टर्ड वीडियो का इस्तेमाल करके हमें फंसाया गया. हम अब कहीं नहीं जाएंगे और विश्वविद्यालय को राष्ट्रविरोधी के तौर पर पेश किये जाने के खिलाफ आंदोलन का हिस्सा बनेंगे.’ इस बीच विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश कुमार ने कहा कि फिलहाल पुलिस और मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है और इस संबंध में फैसला बाद में किया जाएगा. इस बीच, भावी रणनीति पर फैसला करने के लिए छात्र संगठन आइसा की कैंपस में बैठक चल रही है. विश्वविद्यालय के सूत्रों ने बताया कि कुछ अन्य छात्रों जिनके बारे में पुलिस ने अधिकारियों से सूचना मांगी थी वो भी कैंपस में दिखाई पडे. इन छात्रों में रियाज और रुबीना शामिल हैं.