सर्वदलीय बैठक में सोनिया ने कहा, ”संतुलन खो चुकी है मोदी सरकार”

नयी दिल्ली :सोनिया गांधी ने सोमवार कोआक्रामक अंदाज में मोदी सरकार पर पूरी तरह संतुलन खो देने तथा जेएनयू विवाद पर लोकतांत्रिक तरीकों को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए साफ किया कि कांग्रेस मंगलवार से शुरु हो रहे संसद के बजट सत्र में समान विचारधारा वाले दलों के साथ इस मुद्दे को जोरदार तरीके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 22, 2016 8:29 PM

नयी दिल्ली :सोनिया गांधी ने सोमवार कोआक्रामक अंदाज में मोदी सरकार पर पूरी तरह संतुलन खो देने तथा जेएनयू विवाद पर लोकतांत्रिक तरीकों को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए साफ किया कि कांग्रेस मंगलवार से शुरु हो रहे संसद के बजट सत्र में समान विचारधारा वाले दलों के साथ इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगी.

सोनिया ने कांग्रेस कार्य समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘लगता है कि सत्तारुढ तंत्र पूरी तरह संतुलन खो चुका है. वह सभी लोकतांत्रिक तरीकों को कमजोर करने पर आमदा लगता है. वह जांच की भावना, पूछताछ की भावना, बहस और असहमति की भावना को नष्ट करने पर अडिग लगता है.’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले उन्होंने लोकसभा में हमारी आवाज दबाई. फिर सिविल सोसायटी कार्यकर्ताओं और संगठनों को चुप किया. अब विश्वविद्यालयों की बारी है.’ सीडब्ल्यूसी बैठक में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी भाग लिया. बैठक के बाद बयान जारी कर आरोप लगाया गया कि संवैधानिक मूल्यों और लोकतांत्रिक नियमों पर सुनियोजित तरीके से हमले किये जा रहे हैं.

बयान के अनुसार, ‘‘एक अग्रणी उच्च शिक्षण संस्थान में और ऐसे ही संस्थानों में जो हुआ और देश की राजधानी की एक अदालत में जो हिंसा और गुंडागर्दी हुई, उससे देश स्तब्ध है.’ कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई ने कहा, ‘‘यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मतभेदों की स्वतंत्रता पर सुनियोजित हमला है. सरकार की नाकामियों और प्रदर्शनकारी छात्रों से निपटने के उसके जुल्मों को ढंकने के लिए हेरफेर करके तैयार समाचार क्लिपों के माध्यम से देशभक्ति और राष्ट्रवाद पर पूरी तरह मनगढंत बहस पैदा की जा रही है.’

सीडब्ल्यूसी ने कहा कि कल जब संसद सत्र शुरु होगा तो कांग्रेस दूसरे समान विचार वाले दलों के सहयोग से इन मुद्दों को और अन्य मुद्दों को उठाएगी. इसमें कहा गया, ‘‘संसद का कर्तव्य चर्चा करना और कानून बनाना है.’ सोनिया ने कहा कि सरकार जो कह रही है, उसके विपरीत कांग्रेस स्पष्ट करना चाहती है कि वह हमेशा चाहती है कि संसद में कामकाज हो और कानून बनाये जाएं.

उन्होंने कहा, ‘‘समस्या हमारे साथ नहीं है बल्कि सरकार के साथ है जो इस बात को नहीं स्वीकार करती कि ज्वंलत सार्वजनिक विषयों को चर्चा और बहस के लिए उठाना विपक्ष का लोकतांत्रिक अधिकार है. संसद में कामकाज हो, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सरकार की है.’ शुरुआत में सोनिया ने कार्यसमिति से कहा कि यह बैठक ‘सर्वाधिक परेशान करने वाली परिस्थितियों में हो रही है, ऐसे हालात जो देशभर में गंभीर अशांति पैदा कर रहे हैं.’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सत्तारुढ प्रतिष्ठान ने अपनी कई नाकामियों को छिपाने के लिए एक बार फिर देशभक्ति और राष्ट्रवाद पर पूरी तरह अनुचित बहस शुरु करके विभाजन का एजेंडा छेड दिया है.’ इसी तर्ज पर सीडब्ल्यूसी ने कहा कि देशभर में पिछले कुछ दिनों में तकलीफदेह घटनाक्रम हुए हैं.

इसमें कहा गया, ‘‘इन्हें भाजपा, संघ और संबद्ध संगठनों ने शुरु किया है. जो कुछ हो रहा है वह केंद्र सरकार की विभिन्न विफलताओं से ध्यान हटाने की सोची समझी साजिश का हिस्सा है. इनमें अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने, खाद्य सामग्रियों की दरें नियंत्रित करने आदि की नाकामियां हैं.’ हरियाणा के संबंध में सीडब्ल्यूसी ने हिंसा भडकने पर गंभीर चिंता जताई.

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