पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने न्यायमूर्ति गांगुली विवाद से पल्ला झाड़ा

नयी दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के. जी. बालाकृष्णन ने न्यायमूर्ति ए के गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मांगों के विवाद में शामिल होने से इंकार कर दिया. न्यायमूर्ति गांगुली पर एक विधि इंटर्न के साथ यौन र्दुव्‍यवहार करने का आरोप […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2013 6:55 PM

नयी दिल्ली: भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के. जी. बालाकृष्णन ने न्यायमूर्ति ए के गांगुली को पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से हटाने की मांगों के विवाद में शामिल होने से इंकार कर दिया. न्यायमूर्ति गांगुली पर एक विधि इंटर्न के साथ यौन र्दुव्‍यवहार करने का आरोप है.

मानवाधिकार आयोग की तरफ से आयोजित समारोह के इतर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘न्यायमूर्ति गांगुली को पश्चिम बंगाल सरकार ने डब्ल्यूएचआरसी का अध्यक्ष बनाया था और उसी राज्य को उचित कार्रवाई के लिए जरुरत पड़ने पर उच्चतम न्यायालय जाने से पहले इस पर राष्ट्रपति की राय मांगनी चाहिए.’’ एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि सरकार न्यायमूर्ति गांगुली के मुद्दे पर राष्ट्रपति की राय मांगने पर विचार कर रही है इसलिए इस मुद्दे पर टिप्पणी करना उचित नहीं रहेगा.’’ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इंडियन लॉ इंस्टीट्यूट के सहयोग से मीडियाकर्मियों के लिए एकदिवसीय कार्यशाला ‘मीडिया एवं मानवाधिकार : मुद्दे और चुनौतियां’’ आयोजित की थी.

Next Article

Exit mobile version