राज्यसभा में मायावती ने कहा, रोहित को खुदकुशी के लिए किया गया मजबूर

नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज बसपा सदस्यों ने दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. बसपा सांसदों ने कथित रुप से संबंधित केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा किया जिस कारण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2016 12:58 PM

नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज बसपा सदस्यों ने दलित छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मुद्दे को लेकर जोरदार हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. बसपा सांसदों ने कथित रुप से संबंधित केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा किया जिस कारण सदन की कार्यवाही को चार स्थगित करनी पड़ी. सरकार विरोधी नारे लगाते हुए बसपा सांसद वेल में पहुंच गए.रोहित वेमुला मामले पर बसपा प्रमुख ने कहा कि उसे खुदकुशी के लिए मजबूर किया गया.

बैठक शुरू होते ही बसपा प्रमुख मायावती ने रोहित का मुद्दा उठाते हुए सरकार से जवाब की मांग की. उन्होंने इस मुद्दे से कथित रुप से जुडे केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे, विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाने और घटना की जांच के लिए गठित न्यायिक समिति में दलित सदस्य को शामिल किए जाने पर सरकार से जवाब की मांग की. सरकार ने कहा कि वह इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा को तैयार है और चर्चा के बाद संबंधित मंत्री इस पर जवाब देंगे.

लेकिन बसपा के सदस्य सरकार के रुख से संतुष्ट नहीं हुए और वे आसन के समक्ष नारेबाजी करने लगे. बसपा सदस्यों ने केंद्र सरकार, भाजपा और आरएसएस के खिलाफ नारेबाजी की. हंगामे के कारण उपसभापति पी जे कुरियन ने बैठक को 11 बजकर करीब 20 मिनट पर पहले 10 मिनट के लिए फिर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

मायावती ने कहा कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के एक दलित छात्र द्वारा आत्महत्या किए जाने का मुद्दा गंभीर चिंता का विषय है. उन्होंने आरोप लगाया कि जब से भाजपा केंद्र में सत्ता में आयी है, आरएसएस की विचारधारा को थोपने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि हैदराबाद विश्वविद्यालय, अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया और जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के मामलों में हस्तक्षेप किया जा रहा है.

मायावती ने दावा किया कि रोहित की आत्महत्या पहला मामला नहीं है और कई दलित छात्रों ने विगत में और उस समय भी आत्महत्या की जब केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार थी. बसपा नेता ने कहा कि दलित छात्रों ने भाजपा और कांग्रेस से जुडे यूनियनों से अपनी समस्याओं को हल नहीं किए जाने पर बाबासाहब अंबेडकर स्टूडेंट्स यूनियन बनाया था. उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस को यह पसंद नहीं था और उत्पीडन जारी रहा और यह घटना हुयी. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना मांग की कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के मामले में कथित तौर पर हस्तक्षेप करने वाले दो केंद्रीय मंत्रियों को इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कुलपति को हटाने और घटना की जांच के लिए गठित समिति में एक दलित सदस्य को शामिल किए जाने की भी मांग की.

उन्होंने जोर दिया कि सरकार को उनकी मांगों पर जवाब देना चाहिए। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि अगर सदन सहमत है तो इस विषय पर तुरंत चर्चा शुरु की जा सकती है. लेकिन सरकार टुकडों टुकडों में जवाब नहीं देगी. बसपा सदस्यों के हंगामे पर निशाना साधते हुए नकवी ने कहा कि यह ‘‘हताश एजेंडा’ है और सरकार चर्चा के लिए तैयार है. माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि मायावती ने एक सरल सवाल किया है कि जांच के लिए गठित समिति में कोई दलित है या नहीं और सरकार को इसका जवाब देना चाहिए. विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उनकी पार्टी की भी मांग है कि जांच समिति में एक दलित सदस्य को शामिल किया जाना चाहिए.

हंगामे के बीच ही मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने सदस्यों से तुरंत चर्चा शुरु करने को कहा. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि रोहित मुद्दे का ‘‘राजनीतिक औजार’ के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है. स्मृति ईरानी जब बोल रही थीं, उसी दौरान मायावती भी आसन के समक्ष आ गयीं जहां पहले से बसपा के अन्य सदस्य नारेबाजी कर रहे थे. हंगामे को देखते हुए कुरियन ने बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.

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