इंदिरा गांधी ने भी सत्ता खोई थी लेकिन उनके बेटे ने भारत की बर्बादी के नारों का समर्थन नहीं किया था : स्मृति ईरानी
नयी दिल्ली: जेएनयू मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि सत्ता तो इंदिरा गांधी ने भी खोई थी लेकिन उनके बेटे ने भारत की बर्बादी के नारों का समर्थन नहीं किया था. लोकसभा में जेएनयू, हैदराबाद विश्वविद्यालय एवं अन्य उच्च […]
नयी दिल्ली: जेएनयू मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि सत्ता तो इंदिरा गांधी ने भी खोई थी लेकिन उनके बेटे ने भारत की बर्बादी के नारों का समर्थन नहीं किया था. लोकसभा में जेएनयू, हैदराबाद विश्वविद्यालय एवं अन्य उच्च शिक्षण संस्थाओं की स्थिति पर आज हुई विशेष चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए स्मृति ने कहा, ‘‘ किसी घटना स्थल पर राहुल गांधी दोबारा नहीं जाते लेकिन इस मामले में : हैदराबाद विश्वविद्यालय में दलित छात्र की आत्महत्या. राजनीतिक अवसरवादिता के चलते दो बार गए. ‘ कांग्रेस सदस्यों के टोकाटाकी पर स्मृति ने कहा, ‘‘ क्या अमेठी से चुनाव लडने की मुझे सजा दी जा रही है. ‘ उल्लेखनीय है कि अमेठी से राहुल गांधी सांसद हैं जिनके खिलाफ पिछले लोकसभा चुनाव में वह भाजपा की उम्मीदवार थी.
राहुल पर प्रहार जारी रखते हुए स्मृति ने कहा, ‘‘सत्ता को इंदिरा गांधी ने भी खोई थी लेकिन उस समय उनके बेटे ने भारत की बर्बादी के नारों का समर्थन नहीं किया था।’ उन्होंने कहा कि अगर राहुल उनसे कहते कि हम दोनों जेएनयू चलते हैं क्योंकि वह जेएनयू जहां के बच्चों ने सीमा पर कुर्बानी दी वहां कुछ लोग आज भारत की बर्बादी के नारे लगा रहे हैं, तो वह खुशी खुशी जातीं. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं कहा. विपक्ष की टोकाटोकी पर उन्होंने व्यंग्य किया कि आप लोग अल्पसंख्यकों की बात करते हैं तो मैं भी यह कह सकती हूं कि मैं एक महिला हूं और अत्यंत सूक्ष्म अल्पसंख्यक वर्ग :पारसी: से आती हूं, इसलिए मुझे नहीं बोलने दे रहे हैं.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आज लोकसभा में जेएनयू व हैदराबाद यूनिवर्सिटी मुद्दे पर हुई बहस का जवाब दिया. शिक्षण संस्थानों में विचारधारा थोपने के आरोपों का केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने तीखे व भावुक अंदाज में जवाब दिया. लोकसभा में उन्होंने कहा कि मेरे मंत्रालय को 62,000 पत्र आये, मेरे मंत्रालय ने 61,000 लोगों को जवाब दिया. उनकी समस्या को सुलझाने में कोशिश की. उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी आरोप लगातीहैं कि मैं शिक्षण संस्थानों को हमेशा पत्र लिखकर उनके कामकाज में दखल देती हूं.
उन्होंने कहा कि हैदराबादसेंट्रल यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर मुझेकांग्रेस सांसदहनुमंत राव ने पत्र लिखा था.उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को संघियों कीपार्टी बताकर अल्पसंख्यक विरोधी कहा जाता है, लेकिन इनटालरेंसतो वे झेल रही हैं. उन्होंने कहा कि मैं माइक्रो माइनोरिटी परिवार से आती हूं. स्मृति ईरानी ने कहा कि लेक्चरर बहाली मुद्दे पर एमआइएम के औवेसी ने मुझे पत्र लिखा था. पप्पू यादव व अन्य पार्टियों के सांसदनेपत्र लिखा था. मैं सबका जवाब देती हूं, न जात पूछती हूं न धर्म. उन्होंने कहा कि कश्मीर के एक छात्र की एक लाख रुपये से अधिक की लटकी हुई छात्रवृत्ति को उन्होंने उसके पत्र के आधार पर दिलवाया. उन्होंने कहा कि मुझे अमेठी लड़ने की ये लोग सजा दे रहे हैं.
कांग्रेस के आरोपों पर जवाब देते हुए उन्होंने कई पत्र सार्वजनिक किये जिसमें ओमान चांडी, शशि थरूर समेत कई नेताओं के नाम लिये जो दूसरी पार्टी के थे. उन्होंने कहाकि नारायण सामी का पत्र है और वो मेरे नेता नहीं थे. उन्होंने जो कहा हमने उस पर कार्रवाई की. सिंधिया साहेब अब सुनने की बारी आपकी है आप सुनिये. मैं अपनी बिना गलती के माफी नहीं मांगूगी. ओवैसी साहेब और मैं राजनीति के दो छोर पर खड़े हैं उन्होंने मुझे लिखा कि लेक्चरर के नियुक्ति में गड़बड़ी है उस पर एक्शन लीजिए. हमने पहल की उन पर कार्रवाई हो.
मुझ पर जो भेदभाव का आरोप लगाया जाता है वो गलत है. एक बच्चे की मृत्यु पर राजनीतिक लड़ाई होती है. जिस काउंसिल ने रोहित वेमुला को बाहर निकलने का फैसला लिया उसे पहले की सरकार ने गठितकियाथा हमने नहीं किया. जब इस घटना के बारे में सार्वजनिक बयान दिया तो कहा कि इसे राजनीति के चश्मे से मत देखो. इसे एक बच्चे के आधार पर देखो, जाति के आधार पर नहीं. मैं इसलिए नाराज हूं कि जो जन्म देती है आप उस पर सवाल नहीं उठा सकता.
संसद में बयान देते हुए स्मृति भावुक हो गयीं और कहा कि मेरा नाम स्मृति ईरानी है आप मेरी जाति बता दीजिए. मुझे जो जानकारी प्राप्त हुई है. पुलिस ने इस मामले में जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें कहा कि सूचना शाम को 7.30 बजे मिली है. पुलिस ने कहा, जब हम वहां पहुंचे तो रोहित को नीचे पड़ा पाया. हमने उसके हाथ से लिखा अंतिम पत्र भी प्राप्त किया. पुलिस ने रिपोर्ट किया कि किसी भी डॉक्टर को भी नजदीक नहीं जाने दिया. उसके शरीर को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया. यह दुर्भाग्य है कि एक बच्चे को लेकर इतनी राजनीति हुई. जो आवाज लगा रहे थे वो न्याय नहीं चाहते थे वो राजनीति चाहते थे. किसने इस बच्चे को मृत घोषित किया. कई बार ऐसा हुआ कि फांसी के बाद भी उन्हें बचा लिया गया किसने उन्हें मृत घोषित किया. छह हजार बच्चे तेलंगाना आंदोलन के दौरान मारे गये उस वक्त राहुल गांधी गये नहीं. लेकिन यहां उन्हें राजनीति दिखी तो गये. लोग बोलने की आजादी का नाम लेकर सरकार को गाली दे रहे हैं.
जेएनयू मामले पर स्मृति ईऱानी ने कहा, उमर खालिद ने कविता पाठ के लिए जगह बुक की थी. 35 सुरक्षाकर्मी और 3 महिला गार्ड ने लिखित में दिया है कि जिसमें उन्होंने कहा कि भीड़ बढ़ती रही, जिसमें नारे लगे अफजल, मकबूल भट्ट, गो इंडिया गो बैक के नारे लगे. मुंह पर कपड़ा लगाये दो तीन लोग थे. यह सुरक्षा विभाग का ब्यौरा है. इससे सरकार का कोई लेना देना नहीं है. इस कमेटी में जिसका सरकार से कोई सरोकार नहीं है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के द्वारासत्यापित है. दो प्रोफेसर ने कश्मीर के पक्ष में रैली निकाली. एक और प्रमाण जो विश्वविद्यालय से प्राप्त हुआ है. एक पोस्टरहै,जिसमें सुप्रीम कोर्ट, मीडिया, लोकतंत्र पर सवाल खड़ा किया गया है.
स्मृति ईरानी ने कहा , राहुल गांधी कहते हैं कि शिक्षा का भगवाकरण हो गया ज्यादातर वीसी आरएसएस की सोच वाले हैं. उन्हें यह नहीं पता कि कई वीसी अबतक ऐसे हैं जिन्हें कांग्रेस ने नियुक्त किया. अगर कोई वीसी आकर यह कह दे कि मैंने भगवाकरण करने की कोशिश की सबूत के साथ कह दे ,तो मैं राजनीति छोड़ दूंगी.