नयी दिल्ली : हैदराबाद विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र की एक चिकित्सक डा. एम. राजश्री ने गुरुवार को मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के उस बयान का खंडन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि आखिरी समय में दलित शोधार्थी रोहित वेमुला तक किसी चिकित्सक को जाने नहीं दिया गया. डा. राजश्री ने कहा कि जब उन्हें सूचना मिली तब वे रोहित के कमरे में गयीं. चेकअप के बाद उन्होंने ही उसे मृत घोषित किया था. डा. राजश्री का कहना है कि जब वे रोहित के कमरे में गयीं तब जांच के बाद पता चला की वह मर चुका है. डा. राजश्री ने कहा कि संस्थान से फोन आने के बाद वह तुरंत वहां चली गयी थी. उन्होंने अपना काम शाम 7.30 बजे से शुरू किया. इससे पहले वहां क्या हुआ इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
उन्होंने कहा कि उनके पहुंचने के 15-20 मिनट बाद पुलिस वहां पहुंची थी. दो दिन पहले स्मृति इरानी से विपक्ष पर बड़ा हमला करते हुए सवाल उठाये थे कि रोहित की अत्महत्या मामले में किसी भी चिकित्सक को उसके पास नहीं जाने दिया गया, ना ही उसे अस्पताल ले जाने की जरुरत समझी गयी. गौरतलब है कि डॉक्टर एम राजश्री 17 जनवरी को विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केंद्र में ड्यूटी पर थीं जब रोहित ने कथित तौर पर खुदकुशी की थी.
राजश्री ने कहा कि उन्होंने ही रोहित की जांच की थी और उसे मृत घोषित किया था. स्मृति ने कहा था, ‘उसके (रोहित) निकट किसी चिकित्सक को जाने नहीं दिया गया. पुलिस ने रिपोर्ट दी थी कि इस बच्चे को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया, यहां तक कि उसे चिकित्सक के पास ले जाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया. इसकी बजाय उसके शव का राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया. अगले दिन सुबह 6:30 बजे तक पुलिस को नहीं आने दिया गया. यह मैं नहीं, तेलंगाना पुलिस कह रही है.’
पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए डॉक्टर राजश्री ने कहा कि 17 जनवरी को शाम करीब 7:20 बजे एक छात्र के खुदकुशी का प्रयास करने की जानकारी मिलने के तत्काल बाद वह एनआरएस छात्रावास पहुंचीं. उन्होंने कहा, ‘शरीर कड़ा और ठंडा पड़ गया था. मैंने उसके शरीर की जांच की. मैंने पाया कि रोहित चारपाई पर पड़ा था. जुबान बाहर निकली थी. मैंने बीपी की जांच की. इसके बाद मैं इस नतीजे पर पहुंची कि उसकी मौत हो चुकी है. उसका शरीर ठंडा पड़ चुका था.’