जाट आंदोलन : मुरथल कांड के लिए महिला पुलिस अधिकारियों के हेल्पलाइन नंबर जारी, जांच के आदेश

चंडीगढ़ : जाट आंदोलन न सिर्फ हिंसक था बल्किकथित रूप से इस आंदोलन की आड़ में महिलाओं के साथ बदसलूकी और गैंगरेप का मामला भी अब सामने आ रहा है. एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि जाट आंदोलन के दौरान मुरथल में 10 महिलाओं के साथराज्य के मुरथल में देर रात दुष्कर्म हुआ.इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 26, 2016 5:32 PM

चंडीगढ़ : जाट आंदोलन न सिर्फ हिंसक था बल्किकथित रूप से इस आंदोलन की आड़ में महिलाओं के साथ बदसलूकी और गैंगरेप का मामला भी अब सामने आ रहा है. एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि जाट आंदोलन के दौरान मुरथल में 10 महिलाओं के साथराज्य के मुरथल में देर रात दुष्कर्म हुआ.इस मामले पर अखबार की खबरों के आधार पर पंजाब-हरियाणा हाइकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था. मामला बढ़ता देख अब इस मामले में सरकार एक्शन मोड में आ गयी है.

पुलिस विभाग भी इसे गंभीरता से ले रहा है हरियाणा के डीजीपी वाईपी सिंह ने कहा, इस मामले की जांच की जा रही है, लेकिन अबतक इसके कोई ठोस सबूत नहीं मिले कि इस तरह की घटना हुई थी. अबतक इस तरह की कोई शिकायत भी नहीं आयी है कि किसी के साथ गैंगरेप हुआ है. इस मामले पर एडिशनल होम सेक्रेटरी ने कहा, स्टेट लिगल सर्विस अर्थोरिटी ने इस मुद्दे को हाइ कोर्ट के आदेश के बाद संज्ञान में लिया है. हमने इस तरह की घटना की शिकायत के लिए तीन नंबर सार्वजनिक किये हैं. यह नंबर इस प्रकार है.

राजश्री सिंह ( डीआईजी) 9729995000, भारती देबदास ( डीएसपी) 8053882302 और सुरेंद्र कौर ( डीएसपी) 9729990760.
ये तीनों महिला पुलिस अधिकारी हैं. हरियाणा पुलिस ने अपील की है कि अगर कोई पीड़ित है तो इस फोन नंबर पर बात करकेशिकायत दर्ज करा सकते हैं. जाट आंदोलन के दौरान मुरथल में महिलाओं के साथ गैंगरेप की खबर एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार ने छापी थी. इस खबर में अमरीकनामक शख्सका जिक्र किया जो सुखदेव ढाबा के मालिक है. खबर के अनुसार, उनके ढाबे में ही कुछ घबरायी महिलाओं ने शरण ली थी.
इनका नाम लेकर लिखा गया था कि अंग्रेजी अखबार के रिपोर्टर को उन्होंने जानकारी दी कि कुछ महिलाएं बुरी हालत में यहां पहुंची थी और उन्होंने अपने साथ हुए दुष्कर्म की बात कही थी. इस रिपोर्ट के बाद जब एक टीवी चैनल ने सुखदेव ढाबा के मालिक से दोबारा पूछताछ की तो उस शख्स ने आज चैनल को बताया कि उसके पास एक महिला व उसके पति आये थे, जो घबराये जरूर थे, लेकिन उनके कपड़े ठीक थे. उसके बाद कुछ और महिलाएं आयीं, जिन्हें मैंने शेल्टर उपलब्ध कराया.
मीडिया रिपोर्ट्स में यह कहा गया कि 30 लोगों की भीड़ ने कई गाड़ियों से महिलाओं को बाहर निकाल कर उनके साथ दुष्कर्म किया. इनके कपड़े तक फाड़कर फेंक दिए गए. बाद में घरवालों और आसपास के लोगों ने इन्हें कपड़े दिए तब जाकर महिलाएं खेतों से बाहर आ सकीं. यहां जगह-जगह महिलाओं के फटे कपड़े मिले हैं, सोनीपत के एसपी अभिषेक गर्ग का कहना है कि कपड़े मिल जाने से ही रेप की पुष्टि नहीं हो जाती. अब इस मामले ने और तूल पकड़ना शुरू कर दिया है. मीडिया की रिपोर्ट्स के बाद इसे गंभीरता से लिया जा रहा है. पुलिस ने जांच कमेटी गठित कर दी है और कोर्ट भी इस मामले पर संज्ञान ले रही है.

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