”मन की बात” : बजट पर बोले पीएम मोदी, आज मेरी परीक्षा का दिन

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि प्यारे देशवासियो,नमस्कार!आप मन की बात सुनते होंगे,पर दिमाग इस बात पर लगा होगा-बच्चों के एक्जाम शुरू हो रहे हैं. आपको बच्चों के एक्जाम की जितनी चिंता है, मुझे भी उतनी ही चिंता है. अगर एक्जाम को देखने का तौर-तरीका बदल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2016 7:51 AM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कार्यक्रम में कहा कि प्यारे देशवासियो,नमस्कार!आप मन की बात सुनते होंगे,पर दिमाग इस बात पर लगा होगा-बच्चों के एक्जाम शुरू हो रहे हैं. आपको बच्चों के एक्जाम की जितनी चिंता है, मुझे भी उतनी ही चिंता है. अगर एक्जाम को देखने का तौर-तरीका बदल दें,तो हम चिंतामुक्त हो सकते हैं.पीएम ने कहा कि मुझे भी कल परीक्षा देनी है. 125 करोड़ देशवासी मेरा इंम्तिहान लेने वाले हैं. पता है न, अरे भई, कल बजट है. मैं आत्मविश्वास से भरा हुआ हूं. बस, कल मेरी परीक्षा हो जाये, परसों आपकी शुरू हो जाये और हम सब सफल हों, तो देश भी सफल होगा.

पीएम ने कहा कि आज ‘मन की बात’ में विशेष रूप से माँ-बाप के साथ, परीक्षार्थियों के साथ और उनके शिक्षकों के साथ बातें करना चाहता हूं. युवाओं को जिनके प्रति नाज़ है, भारतरत्न सचिन तेंदुलकर, उन्होंने जो संदेश भेजा है,वह आपको बताना चाहता हूं. आप ख़ुद अपने लिए कुछ टारगेट सट कीजिये, किसी और की उम्मीद के दबाव में मत आइयेगा.

पीएम ने सचिन का एक ऑडियो सुनाया जिसमें वे कह रहे हैं कि पिछले 24 साल में कई सारे कठिन दौर आये और कई बार अच्छे दौर आये, मगर लोगों की उम्मीद हमेशा रहते थे. मेरा फोकस रहता था गेंद पर और टारगेट पर. अपने आप धीरे-धीरे सारे गोल होते गए. आपकी सोच सकारात्मक होनी बहुत ज़रूरी है. सकारात्मक सोच को सकारात्मक परिणाम फॉलो करते हैं.

पीएम ने कहा कि आप खुद से अपने लक्ष्य को तय करें, खुद ही अपने टारगेट तय करें- मुक्त मन से, मुक्त सोच से, मुक्त सामर्थ्य से. हम दूसरों से स्पर्द्धा करने में अपना समय क्यों बर्बाद करें. हम खुद से ही स्पर्द्धा क्यों न करें. परीक्षा को अंकों का खेल मत मानिये. कहां पहुंचे, कितना पहुंचे ? उस हिसाब-किताब में मत फंसे रहिये. जीवन को तो किसी महान उद्देश्य के साथ जोड़ना चाहिए. एक सपनों को ले कर के चलना चाहिए, संकल्पबद्ध होना चाहिए. परीक्षाएं, तो हम सही जा रहे हैं कि नहीं, उसका हिसाब-किताब करती हैं; गति ठीक है कि नहीं है, उसका हिसाब-किताब करती हैं.

कुछ सुझाव का उल्लेख करते हुए पीएम ने कहा कि श्रेय गुप्ता ने बल दिया है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन रहता है. छात्र पढ़ाई के साथ-साथ हेल्थ का भी ध्यान रखें. प्रभाकर रेड्डी जी आग्रह किया हैं, समय पर सोना चाहिए, सुबह जल्दी उठकर रिवीजन करना चाहिए. प्रभाकर रेड्डी जी की बात मैं कहने की हिम्मत नहीं करता, क्योंकि मैं सोने के संबंध में थोड़ा उदासीन हूं, मैं कम सोता हूं. निर्धारित सोने का समय, गहरी नींद – ये उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि आपकी दिन भर की और गतिविधियाँ और ये संभव है. लोगों की आदत होती है,सोने से पहले लम्बी-लम्बी टेलीफ़ोन पर बातें करना. उसके बाद वही विचार चलते रहते हैं,कहाँ से नींद आएगी?

पीएम ने कहा जीवन में अनुशासन सफलताओं की आधारशिला को मजबूत बनाने का बड़ा कारण होती है. मजबूत आधारशीला अनुशासन से आता है. उन्होंने कहा कि अच्छों-अच्छों को जिसने चेकमेट कर दिया है, ऐसे चेस चैंपियन विश्‍वनाथनआनंद अपने अनुभव बतायेंगे.

चेस चैंपियन विश्‍वनाथन आनंद का आडियो कार्यक्रम के दौरान सुनाया गया जिसमें उन्होंने संदेश दिया कि मैंने पाया है कि परीक्षा को लोग एक समस्या के तौर पर देखते हैं. ऐसा नहीं सोचना चाहिए. परीक्षा को अच्छे से टेकल करें और उससे पहले रात को अच्छी नींद लें. सबसे ज्यादा जरुरी है कि आप शांत रहें.

पीएम ने कहा कि सरकार में भी कुछ विषय ऐसे होते हैं, जो मैं नहीं जानता हूं और मुझे काफी ध्यान केंद्रित करना पड़ता है. ज्यादा ध्यान केंद्रित करके समझने की कोशिश करता हूं, तो भीतर तनाव महसूस करता हूं. फिर लगता है थोड़ा रिलेक्स कर लूंगा, तो अच्छा रहेगा. मैंने अपने-आप अपनी टेकनीक डेवलप की है. बहुत गहरी सांस लेता हूं. मैं 30,40, 50 सेकेंड तक ऐसा करता हूं. फिर मेरा मन एकदम से शांत हो करके चीज़ों को समझने के लिए तैयार हो जाता है.

एक सुझाव का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि रजत अग्रवाल ने अच्छी बात बतायी है. हम हर दिन कम-से-कम आधा घंटे दोस्तों,परिवारजनों के साथ आराम फील करें, गप्पें मारें. मोदी ने कहा कि पूज्य मुरारी बापू ने विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण टीप भेजी है, वे शिक्षक हैं, चिन्तक भी हैं. मुरारी बापू ने एक ऑडियो टेप के जरिए संदेश दिया कि विद्यार्थी परीक्षा के समय में मन पर कोई भी बोझ रखे बिना, चित को एकाग्र करके परीक्षा में बैठिये. मुरारी बापू ने कहा लाज़िम नहीं कि हर कोई हो कामयाब ही, जीना भी सीखिए नाकामियों के साथ. मेरे लिए खुशी की बात है कि इन दिनों मैं दुनिया में जिस किसी से मिलता हूं,, योग की थोड़ी सी बात तो कोई न कोई करता ही करता है.

पीएम ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में हो या जीवन का उत्तरार्द्ध हो, अंतर्मन की विकास यात्रा में योग एक बहुत बड़ी चाभी है. हमें जितना समय मिला है, उसमें जो प्रश्नपत्र है, जो अनुदेश हैं, आप उनको बारीकी से पढ़िए. मैं यश नागर की इस बात पर बल देता हूं कि आप प्रश्नों को दो- तीन बार पढ़ें, और आप जो जानते हैं, उसको मिलाने का प्रयास करें.

कार्यक्रम में भारत रत्न प्राप्त प्रोफेसर सीएनआर राव का भी ऑडियो सुनाया गया जिसमें उन्होंने छात्रों को संदेश दिया कि मैं अच्छी तरह समझता हूं कि परीक्षा के दौरान बहुत घबराहट होती है. खास तौर पर प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान बच्चे चिंतित रहते हैं. चिंता नहीं करें, अपना सर्वश्रेष्ठ दें. सीएन राव के संदेश के बाद पीएम ने कहा कि देखा! वैज्ञानिक का कमाल. जो बात मैं आधे घंटे में समझा पाता हूं, प्रफेसर राव ने तीन मिनट में ही समझा दी.

पीएम ने कहा एक्जाम आजकल सिर्फ़ विद्यार्थी की नहीं, पूरे परिवार और स्कूल की हो जाती है. सब एक टीम बनके आगे बढ़ें, तो परीक्षा सरल हो जाती है. पीएम ने कहा कि केशव वैष्णव ने लिखा है, कि अभिभावक ने अपने बच्चों पर अधिक अंक लाने के लिए कभी भी दबाव नहीं बनाना चाहिये. विजय जिंदल लिखते हैं, बच्चों पर उनसे अपनी उम्मीदों का बोझ न डालें. जितना हो सके, उनका हौसला बढ़ायें. ये बात सही है.

पीएम ने कहा कि हम बिजली के बल्ब के आविष्कारक एडिसन के बारे में पढ़ते हैं कितने सालों तक उन्होंने इसकाम को करने के लिए खपा दिए. कितनी बार विफलताएं मिली. रॉलिंग ने खुद कहा था कि मुश्किलों में वो सारी ऊर्जा उस काम में लगाती थीं, जो वाकई उनके लिए मायने रखता था. पीएम ने कहा कि आज राष्‍ट्रीय विज्ञान दिवस है. इसलिए मैं इस वैज्ञानिकों को याद कर रहा हूं. देश का विज्ञान महोत्सव हर वर्ष 28 फरवरी हम इस रूप में मनाते हैं. 28 फरवरी, 1928 सर सी.वी. रमन ने अपनी खोज ‘रमन इफ़ेक्ट’ की घोषणा की थी. जिसमें उनको नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ. सर सी.वी. रमन को मैं नमन करता हूं और आप सबको विज्ञान के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए आग्रह कर रहा हूं. गुरुत्वाकर्षण लहरें हमारे वैज्ञानिको के पुरुषार्थ से, उसे उजागर किया गया और पता लगाया गया. ये विज्ञान की बहुत दूरगामी सफलता है. भारतीय के नाते हम सब को इस बात की खुशी है कि सारी खोज की प्रक्रिया में हमारे देश के सपूत, देश के वैज्ञानिक भी उससे जुड़े हुये थे. मैं सभी वैज्ञानिकों को ह्रदय से बधाई देता हूं. भविष्य में भी इस ख़ोज को आगे बढ़ाने में हमारे वैज्ञानिक प्रयासरत रहेंगे. लेज़र Interferometer Gravitational-Wave Observatory, ‘LIGO’, भारत में खोलने का सरकार ने निर्णय लिया है. भारत ज़रूर अपने मर्यादित संसाधनों के बीच भी मानव कल्याण की इस महत्तम वैज्ञानिक ख़ोज की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनेगा.

कार्यक्रम का समापन करने के पहले पीएम ने कहा कि आप 81908-81908 पर मिस्ड कॉल करके मेरी ‘मन की बात’ सुन सकते हैं, आपकी अपनी मातृभाषा में भी सुन सकते हैं. आपकी परीक्षा शुरू हो रही है. मुझे भी कल परीक्षा देनी है. 125करोड़ देशवासी मेरा इंम्तिहान लेने वाले हैं. पता है न, अरे भई, कल बजट है. मैं आत्मविश्वास से भरा हुआ हूं. बस, कल मेरी परीक्षा हो जाये, परसों आपकी शुरू हो जाये और हम सब सफल हों, तो देश भी सफल होगा.

आपको ढेर सारी शुभकामनायें I सफलता-विफलता के तनाव से मुक्त हो करके, मुक्त मन से आगे बढ़िये, डटे रहिये. धन्यवाद !

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