मुरथल मामला : महिला ने बलात्कार की पहली शिकायत दर्ज कराई
सोनीपत : हरियाणा के मुरथल के पास जाट आरक्षण आंदोलन के सदस्यों द्वारा बलात्कार और छेड़छाड़ के आरोपों के कुछ दिन बाद, एक महिला ने आज आगे बढ़कर इस घटना के संबंध में अपने एक रिश्तेदार सहित सात लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज कराया. हरियाणा पुलिस में डीआईजी राजश्री सिंह ने संवाददाताओं […]
सोनीपत : हरियाणा के मुरथल के पास जाट आरक्षण आंदोलन के सदस्यों द्वारा बलात्कार और छेड़छाड़ के आरोपों के कुछ दिन बाद, एक महिला ने आज आगे बढ़कर इस घटना के संबंध में अपने एक रिश्तेदार सहित सात लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का मामला दर्ज कराया.
हरियाणा पुलिस में डीआईजी राजश्री सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘नरेला की एक महिला द्वारा आज दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर सात लोगों के खिलाफ सामूहिक बलात्कार के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कराई गई.” उन्होंने बताया कि पीडिता का आरोप है कि 22 और 23 फरवरी की दरमियानी रात को उसका बलात्कार किया गया और साजिशकर्ताओं में उसका एक रिश्तेदार भी शामिल है. शिकायतकर्ता ने कहा कि वह सभी आरोपियों को जानती है.
जाट आंदोलन के सदस्यों द्वारा कई महिलाओं के बलात्कार और छेड़छाड़ की कथित घटनाओं पर गौर करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा बनाई गई महिला पुलिस अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम की प्रमुख राजश्री ने हालांकि कहा कि महिला द्वारा शिकायत दर्ज कराने के पीछे का कारण ‘‘पारिवारिक विवाद” हो सकता है.
अधिकारी ने कहा कि पीडित अपराध के सटीक स्थल को लेकर निश्चित नहीं है लेकिन उसका दावा है कि हरिद्वार से एक वैन में दिल्ली के नरेला जाते वक्त मुरथल के पास एक इमारत में उसका बलात्कार किया गया. हालांकि महिला ने कहा कि उसके साथ मौजूद 15 साल की उसकी बेटी का बलात्कार नहीं किया गया लेकिन उसके कपड़े फाड़े गये. डीआईजी ने कहा कि महिला ने कल उन्हें फोन किया और आज अपना बयान दर्ज कराया.
राजश्री ने कहा कि उन्हें जो शिकायतें मिली हैं उनमें से ज्यादातर पुरुषों की हैं जिन्होंने आंदोलनकारियों द्वारा उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाने का दावा किया. इस बीच, हरियाणा सरकार ने जाट आंदोलन के दौरान हिंसा से प्रभावित 203 लोगों को 1.12 करोड़ रुपये की अंतरिम सहायता को मंजूरी दी.
हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि राशि सीधे दावाकर्ताओं के बैंक खातों में कल डाली जाएगी. इससे पहले, ट्रक चालकों सहित कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया था कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों द्वारा महिलाओं को खेतों में घसीटते हुए देखा था. टीवी चैनलों ने कुछ स्थानों पर महिलाओं के अंत:वस्त्र पड़े दिखाए थे.
इससे पहले आज, तीन ट्रक चालकों ने किसी तरह के यौन उत्पीडन या बलात्कार की किसी घटना को देखने से इंकार किया था. उधर मुख्यमंत्री ने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. इस बीच आंदोलन से सबसे ज्यादा प्रभावित रोहतक के व्यापारी समुदाय ने कर राहत एवं बिजली बिल छूट की मांग की.
डीआईजी राजश्री ने कहा, ‘‘तीन ट्रक चालकों ने (मुरथल में) महिलाओं के यौन उत्पीडन या बलात्कार की कोई घटना देखने की बात से इनकार किया है.” हालांकि ट्रक चालकों सुखविंदर, अब्दुल वाहिद और यदविंदर ने कहा कि आंदोलनकारियों ने उनके ट्रकों को आग लगा दी थी.