#JNURow: येचुरी के खिलाफ देशद्रोह के मामले की माकपा ने की निंदा

नयी दिल्ली : माकपा ने जेएनयू प्रकरण पर पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और विपक्ष के अन्य नेताओं के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने की आज निंदा की और जिस तरह से देशद्रोह के प्रावधान का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसपर चिंता जताई. पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘माकपा का पोलितब्यूरो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 29, 2016 2:11 PM

नयी दिल्ली : माकपा ने जेएनयू प्रकरण पर पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी और विपक्ष के अन्य नेताओं के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने की आज निंदा की और जिस तरह से देशद्रोह के प्रावधान का इस्तेमाल किया जा रहा है, उसपर चिंता जताई.

पार्टी ने एक बयान में कहा, ‘माकपा का पोलितब्यूरो येचुरी और विपक्ष के अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले की निंदा करता है. वह नेताओं और प्राथमिकी में दर्ज अन्य लोगों के खिलाफ मामला हटाने की मांग करता है.’ जिस ‘तरीके से’ देशद्रोह के प्रावधान (भादंसं के 124ए) का इस्तेमाल किया जा रहा है, वाम दल ने इस पर भी चिंता जाहिर की. माकपा ने कहा कि यह तरीका इस धारा को निरस्त करने की जरुरत को रेखांकित करता है.

माकपा ने कहा, ‘पोलित ब्यूरो केंद्र सरकार को ऐसे कदम उठाने के खिलाफ आगाह करता है, जो देश में लोकतांत्रिक अधिकारों और स्वतंत्रता का दमन करते हैं और असहमति एवं विरोध को राष्ट्र-विरोधी करार दे देते हैं.’

वकील जनार्दन गौड की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर हैदराबाद अदालत के आदेश पर येचुरी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के ही नेता आनंद शर्मा एवं अजय माकन, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, माकपा के राष्ट्रीय सचिव डी राजा, जदयू प्रवक्ता के सी त्यागी, जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और विश्वविद्यालय के शोधार्थी उमर खालिद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.

गौड ने गुरुवार को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में एक शिकायत दर्ज कराते हुए अनुरोध किया था कि अदालत जेएनयू परिसर में कथित तौर पर भारत-विरोधी एवं अफजल गुरु समर्थित नारे लगाने के लिए कन्हैया और खालिद के खिलाफ मामला दर्ज करे.

अपनी याचिका में गौड ने कहा था कि उन्हें राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त लोगों और राष्ट्र विरोधी लोगों को राष्ट्रद्रोह के आरोपों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करने वाले लोगों से सवाल पूछने का अधिकार है.

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