भरतनाट्यम नृत्यांगना रुक्मणी देवी अरुंडेल के सम्मान में गूगल ने बनाया डूडल

नयी दिल्ली : भरतनाट्यम शैली की जानी-मानी नृत्यांगना रुक्मणी देवी अरुंडेल के 112वें जन्मदिवस पर गूगल ने अपने डूडल में नृत्य मुद्रा में इस महान फनकार की आकृति उकेरकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया. इस डूडल में रुक्मणी देवी पारंपरिक नृत्य पोशाक में नजर आ रही हैं. बालों में गजरा सजाये रुक्मणी इस डूडल में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 29, 2016 2:16 PM

नयी दिल्ली : भरतनाट्यम शैली की जानी-मानी नृत्यांगना रुक्मणी देवी अरुंडेल के 112वें जन्मदिवस पर गूगल ने अपने डूडल में नृत्य मुद्रा में इस महान फनकार की आकृति उकेरकर उनके प्रति सम्मान प्रकट किया.

इस डूडल में रुक्मणी देवी पारंपरिक नृत्य पोशाक में नजर आ रही हैं. बालों में गजरा सजाये रुक्मणी इस डूडल में भरतनाट्यम नृत्य शैली की एक मुद्रा में दिखायी गयी हैं. इसके साथ एक गुलाबी रिबन से गूगल का नाम इस डूडल में नजर आ रहा है.

रुक्मणी देवी का देहांत 1986 में उनके जन्मदिन से महज पांच दिन पहले हुआ था. देवदासियों के समय में चलने वाली भरतनाट्यम की मूल शैली ‘साधिर’ का पुनरत्थान करने के लिए उनके योगदान की काफी सराहना की जाती है.

रुक्मणी का जन्म मदुरै में हुआ था. उन्होंने ‘मायलापुर’ गौरी अम्मा के सानिध्य में नृत्य की बारीकियां सीखी और ‘पंडनाल्लूर’ मीनाक्षी सुंदरम पिल्लई से प्रशिक्षण लेकर उसे उत्कृष्ट स्वरुप प्रदान किया.

वर्ष 1935 में उन्होंने अपनी पहली सार्वजनिक प्रस्तुति दी। वर्ष 1936 में उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर चेन्नई के अड्यार में नृत्य एवं कला प्रशिक्षण केंद्र कलाक्षेत्र खोला जिसे बाद में 1962 में वह तिरुवंमियूर ले गए। वर्तमान में कलाक्षेत्र फाउंडेशन के तहत यह संस्थान एक राष्ट्रीय महत्व का डीम्ड विश्वविद्यालय है.

उन्हें पद्म भूषण, संगीत नाटक अकादमी फैलोशिप इत्यादि कई पुरस्कारों से नवाजा गया। वह दो बार राज्यसभा सदस्य के तौर पर मनोनीत हुईं.

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